देश की ख़ातिर मिटादे अपनी हस्ती तू नदीम

देश की ख़ातिर मिटादे अपनी हस्ती तू नदीम
आज के दिन होगी क़ुरबानी यही सब से अज़ीम

ईदुज़्ज़ोहा का और क़ुरबानी का चोली-दामन का साथ है। ईद के दिन प्यारी से प्यारी चीज़ की क़ुरबानी दी जाती है। इंसान को अपनी जान सब से ज़्यादा अज़ीज़ होती है। इसलिए उसकी क़ुरबानी भी वक़्त पड़ने पर देने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। ख़ास तौर पर जब देश को तुम्हारी ज़रूरत हो तो इंसान को अपनी जान भी क़ुरबान कर देना चाहिए, यही सबसे बड़ी और सबसे महान क़ुरबानी होगी।

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