फूल की पत्ती से कट सकता है हीरे का जिगर मर्दे नादां पर कलामे नर्मो नाज़ुक बेअसर इकबाल
मर्दे नादां - नादान आदमी, अभिप्राय ऐसे व्यक्ति से है, जिसे शेरो शायरी के प्रति न तो समझ है और न संवेदनशीलता। कलामे नर्मो नाज़ुक - कलाम यानी बात, अभिप्राय है मार्मिक बातें। शायराना बातें।
अर्थ - फूल की पत्ती से हीरे का जिगर कट सकता है। यानी कठोर से कठोर दिल को अच्छी बातें पिघला सकती हैं, मगर नादान, मूरख के सामने उन बातों का भी कुछ फर्क नहीं पड़ता।