जिंदगी जैसी...

जिंदगी जैसी तवक्को थी नहीं कुछ कम है
हर घड़ी होता है अहसास कुछ कम है
घर की तामीर तसव्वुर में ही हो सकती है
अपने नक्शे के मुताबिक ये जमीं कुछ कम है।

- शहरयार खान

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