यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, राज्य के मुख्य सचिव एन. रविशंकर ने बताया कि वर्ष 2013 में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद प्रदेश में पर्यटकों का आना कम हो गया। पर्यटकों को राज्य की ओर दोबारा आकर्षित करने के लिए और सुरक्षित उत्तराखंड का संदेश देने के लिए कई प्रकार की योजनाएं शुरू की जा रही हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में इस बार शीतकालीन यात्रा भी शुरू की गई हैं, जबकि मामूली किराए पर हेलीकाप्टर के जरिए भी चारधाम यात्रा कराने की भी योजना है। उन्होंने कहा कि धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ साहसिक पर्यटन, वेलनेस टूरिज्म आदि को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
मुख्य सचिव ने कहा कि अलग राज्य बनने के बाद उत्तराखंड में काफी प्रगति हुई है और पंचायती व्यवस्था को मजबूत किया गया है। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण पंचायतों द्वारा किया जाएगा, जबकि लघु और सूक्ष्म उद्योगों को भी विशेष सहूलियत दी जा रही हैं। अर्ध कुम्भ 2016 के लिए स्थायी प्रवृत्ति के कार्य शुरू कर दिए गए हैं।