अफ़ग़ानिस्तान भूकंप : राहतकर्मी पैदल पहुंचे, ज़िंदा बचे लोगों को हरसंभव मदद की सख़्त ज़रूरत
बुधवार, 3 सितम्बर 2025 (18:20 IST)
Afghanistan Earthquake News : बुधवार को अफ़ग़ानिस्तान में भूकंप प्रभावितों के लिए बड़े पैमाने पर राहत अभियान जारी रहा। अवरुद्ध सड़कों और टूटी हुई संचार लाइनों के बीच राहत दल अब भी उन दूरदराज़ इलाक़ों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, जहां लोगों को सबसे ज़्यादा मदद की ज़रूरत है। संयुक्त राष्ट्र की आकलन टीमों ने मंगलवार को पैदल पहुंचकर अफ़ग़ानिस्तान के पहाड़ी ग़ाज़ी अबाद ज़िले की स्थिति का जायज़ा लिया। उनकी रिपोर्ट में मानवीय सहायता अभियान को तेज़ करने की तत्काल आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया है।
काबुल से यूनीसेफ़ ( UNICEF) के सलाम अल-जाबानी ने कहा, सबसे ज़रूरी है मलबे में दबे लोगों को निकालना। लोग कह रहे हैं कि हमें ऐसे लोगों की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है, जो मृतकों को दफ़नाने और मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकालने में मदद कर सकें।
अफ़ग़ानिस्तान के सत्तारूढ़ प्रशासन की प्रारम्भिक रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार देर रात उत्तर-पूर्वी इलाक़ों में रिक्टर पैमाने पर छह तीव्रता के भूकंप से कम से कम 1,400 लोगों की मौत हुई और 3,100 से ज़्यादा लोग घायल हुए। हताहतों की संख्या और बढ़ने की आशंका है, क्योंकि राहत और बचाव दल अब तक कई प्रभावित इलाक़ों तक नहीं पहुंच सके हैं। रास्तों में रुकावटें, चट्टानों और भूस्खलन की वजह से हैं, जिन्हें भूकंप और उससे पहले हुई भारी बारिश ने और भी गम्भीर बना दिया है।
अल-जाबानी ने बताया, हमारी टीमों को गाड़ियां छोड़कर दो घंटे पैदल चलकर ग़ाज़ी अबाद पहुंचना पड़ा। अन्य गांव छह से सात घंटे की पैदल दूरी पर हैं और वहां अब तक कोई नहीं पहुंच सका है, यहां तक कि स्थानीय अधिकारियों के हैलीकॉप्टर भी नहीं। संचार व्यवस्था बेहद कमज़ोर है या लगभग पूरी तरह ठप पड़ी है। अल-जाबानी ने बताया, एक स्वास्थ्य केन्द्र के पास केवल एक मोबाइल टावर काम कर रहा है, इसके अलावा पूरा इलाक़ा संचार से कट चुका है।
अन्तरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अन्तरराष्ट्रीय सहायता प्रयासों के तहत संयुक्त राष्ट्र ने प्रभावित क्षेत्रों में कम से कम 25 आकलन टीमों को भेजा है और काबुल से मानवीय हवाई सेवाओं की उड़ानें भी बढ़ाई हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) काबुल में मौजूद अपने भंडार से आवश्यक राहत सामग्री पहुंचा रही है, जिनमें तम्बू, कम्बल और सोलर लैंप शामिल हैं। तत्काल प्राथमिक ज़रूरतों में आपात आश्रय, दवाइयां, पीने का पानी और आपात खाद्य सहायता शामिल हैं।
यूनीसेफ़ (UNICEF) के सलाम अल-जाबानी ने बताया, दवाइयां पहुंचाना बेहद मुश्किल हो गया है, ज़रूरी सामान केवल पैदल ही लाया जा रहा है और वह भी पास के यूनीसेफ़ समर्थित अस्पताल से। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य सेवाएं बेहद नाज़ुक हालात में हैं। ग़ाज़ी अबाद के एक क्षतिग्रस्त स्वास्थ्य केन्द्र की दीवारों में गहरी दरारें आ गई हैं।
वहां डॉक्टर अब मरीज़ों का इलाज बाहर, पेड़ों के नीचे कर रहे हैं, क्योंकि लोगों को अन्दर रहने में डर लग रहा है। माना जा रहा है कि अब हज़ारों स्थानीय लोग पानी और खाना लेकर प्रभावित इलाक़ों में पहुंच रहे हैं ताकि खोज एवं बचाव कार्यों में मदद कर सकें। यूनीसेफ़ अधिकारी ने बताया, हज़ारों लोग लगातार इस क्षेत्र में आ-जा रहे हैं।
Edited By : Chetan Gour