वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते हुए यह घोषणा करते कहा कि जीएसटी का उद्देश्य छोटे व्यापारियों, विनिर्माताओं और सेवा प्रदाताओं को लाभ पहुंचाना है। छोटे व्यापारियों के लिए जीएसटी से छूट की सीमा 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 40 लाख रुपए कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि जीएसटी के कारण कर आधार में बढ़ोतरी हुई है, ज्यादा कर वसूली हुई है और व्यापार में सुगमता आई है। इससे रोजमर्रा के प्रचालनों और मूल्यांकनों के लिए करदाता और सरकार के बीच का संपर्क कम होगा। अब विवरणियां पूरी तरह ऑनलाइन भरी जा रही हैं और ई-वे बिल सिस्टम की व्यवस्था की गई है। प्रवेश कर, चौकियां और ट्रकों की लाइन न होने से अंतरराज्यीय आवाजाही की गति तेज हुई है और यह कार्यकुशल और बाधारहित बनी है।
गोयल ने कहा कि जीएसटी से पहले के समय में अनेक वस्तुओं पर लगाए जाने वाले अधिक कर को युक्तिसंगत बनाया गया है और उपभोक्ताओं विशेषकर गरीबों और मध्यम वर्ग पर प्रभारित कर के भार में काफी कमी की गई है। दरों में लगातार कमी से उपभोक्ताओं को प्रतिवर्ष लगभग 80,000 करोड़ की राहत मिली है। गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों द्वारा रोजमर्रा इस्तेमाल की जाने वाली अधिकांश वस्तुएं अब 0 या 5 प्रतिशत के कर स्लैब में हैं। (वार्ता)