कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने गुरुवार को यहां कहा कि कुछ अखबारों में छपी खबरों के अनुसार सरकार एक फरवरी को लेखानुदान बजट की बजाय पूर्ण बजट पेश कर रही है। संसदीय परंपरा और नियमों के अनुसार कोई भी सरकार अपने पांच साल के कार्यकाल में छह पूर्ण बजट पेश नहीं कर सकती है और अगर मोदी सरकार इस परंपरा का उल्लंघन करती है तो उसे कड़े विरोध का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार सही में अगर पूर्ण बजट पेश करने की तैयारी में है तो साफ है कि चुनावी अवसरवादिता से प्रेरित होकर सरकार बजट पेश करना चाहती है और उसकी मंशा संसदीय मर्यादा का उल्लंघन कर चार साल की अपनी विफलता से लोगों का ध्यान बांटने की है। उन्होंने सरकार पर हर मोर्चें पर असफल रहने का आरोप लगाया और कहा कि इसी असफलता को छिपाने के लिए उसकी मंशा संसदीय परंपरा को तोड़कर लोगों को गुमराह करने की है।
श्री तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार अपने कार्यकाल में पांच वित्त वर्ष के लिए बजट पेश कर चुकी है और अगली सरकार के गठन तक के लिए उसे सिर्फ लेखानुदान बजट पेश करना है। आजादी के बाद से लगातार सभी सरकारों ने इसी पंरपरा का अनुपालन किया है और मोदी सरकार को भी इस स्थापित मर्यादा का उल्लंघन नहीं करना चाहिए और एक फरवरी को सिर्फ लेखानुदान बजट पेश करना चाहिए।