उन्होंने कहा कि अगले कुछ वर्षों में वाहन उद्योग को उत्सर्जन एवं सुरक्षा के मानकों में बदलाव के मद्देनरज भारी निवेश करना है। इसे देखते हुए अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करने के लिए यह जरूरी है। श्री सेन ने कहा कि पहले जब सरकार ने इस मद में छूट 200 प्रतिशत से घटाकर 150 किया था उस समय कहा गया था कि कॉर्पोरेट पर प्रत्यक्ष कर की दरों में कटौती की जाएंगी।
लेकिन, ऐसा नहीं किए जाने से अनुसंधान एवं विकास में कर छूट दुबारा 200 प्रतिशत किया जाना चाहिए। सियाम ने पूरी तरह तैयार कारों और दुपहिया वाहनों के आयात पर सीमा शुल्क में कोई बदलाव नहीं करने की सलाह दी है।
हालाँकि, पूरी तरह तैयार वाणिज्यिक वाहनों पर उसने सीमा शुल्क 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने का सुझाव दिया है क्योंकि भारत विश्व व्यापार संगठन में इसका वायदा किया था। उसने देश में असेम्बल किए जाने वाले वाहनों पर सीमा शुल्क की दर 25 प्रतिशत पर बनाए रखने की भी माँग की है।