वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2019-20 का बजट पेश करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि रेल परिवहन के तीव्र विकास सुनिश्चित करने तथा ट्रैकों, रोलिंग स्टॉक के निर्माण को पूरा करने और यात्री सेवाओं में सुधार के लिए केंद्रीय बजट में सार्वजनिक निजी भागीदारी का प्रस्ताव किया जा रहा है।
वित्तमंत्री ने कहा कि भारतीय रेल की उपनगरीय तथा लंबी दूरी वाली सेवाएं मुंबई जैसे महानगरों और अन्य शहरों में उल्लेखनीय कार्य कर रही हैं। रेलवे को दिल्ली-मेरठ मार्ग पर प्रस्तावित रैपिड रीजनल ट्रांसपोर्ट सिस्टम जैसी विशेष प्रयोजन साधन संस्थाओं के लिए उपशहरी रेलवे में अधिक निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना पूरा हो जाएगी जिससे मौजूदा रेलवे नेटवर्कों पर यात्री सेवाओं का विस्तार किया जा सकेगा।
बजट दस्तावेजों के अनुसार इस वित्त वर्ष में 500 किलोमीटर नई लाइन बिछाने, 600 किलोमीटर का आमान परिवर्तन एवं 2,650 किलोमीटर लाइनों के दोहरीकरण, 7 हजार किलोमीटर लाइन के विद्युतीकरण तथा 3,900 किलोमीटर ट्रैक के नवीकरण का लक्ष्य रखा गया है। रेलवे इस वित्त वर्ष में एक भी डीजल इंजन नहीं खरीदेगी। रेलवे 725 विद्युत इंजन, 7690 कोच और 15 हजार वैगन खरीदेगी।