Budget 2021: कोई बुरी खबर नहीं, वित्तीय घाटे को भूलकर खर्च पर फोकस
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बजट 2021-22 में कोई बुरी खबर नहीं है। दरअसल, वित्तीय घाटे को भूलकर खर्च पर फोकस किया गया है। हालांकि इसके लिए सरकारी संपदाओं की बिक्री की जाएगी और विदेशी निवेश पर निर्भरता रहेगी। सरकार ने आयकर स्लैब में भी कोई बदलाव नहीं किया है। आइए जानते हैं बजट को प्रमुख बिंदुओं में...
*आयकर छूट में कोई बदलाव नहीं।
* 75 से ज्यादा उम्र के सीनियर सिटीजन आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करेंगे।
* सस्ते मकान पर ब्याज छूट 1 साल और।
* मोबाइल फोन महंगे होंगे।
* पेट्रोल पर प्रति लीटर 2.50 रुपए और डीजल पर 4 रुपए कृषि सेस, पर उपभोक्ता पर बोझ नहीं।
* स्टार्टअप्स को 1 साल और टैक्स हॉलीडे।
* बैंकों को 20 हजार करोड़ रुपए।
* बेड बैंक की घोषणा से बैंकों की बैलेंस शीट्स पर एनपीए का असर नहीं।
* विनिवेश पर निर्भरता 1.75 लाख करोड़ रुपए लक्ष्य, रेल, पोर्ट, पाइपलाइंस और 2 सरकारी बैंकों को बेचने की घोषणा।
* भारतीय जीवन बीमा निगम का जन निर्गम।
* रेलवे को 1.1 लाख करोड़ रुपए।
* कोरोना वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपए।
* बीमा सेक्टर में विदेश निवेश सीमा 49 से 74 फीसदी।
* उज्जवला गैस योजना में 1 करोड़ परिवार और शामिल।
* कृषि सेक्टर को 1.72 लाख करोड़ रुपए।
* लद्दाख में सेंट्रल यूनिवर्सिटी।
* 100 नए सैनिक स्कूल।
* रुरल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 40 हजार करोड़ रुपए।
* अर्बन जल जीवन के लिए 5 साल में 2.86 लाख करोड़ रुपए।
* 17 नए हेल्थ इमरजेंसी सेंटर।
* 20 साल पुराने वाहनों की स्वैच्छिक स्क्रेपिंग योजना।
* डिजिटल पेमेंट पर 1500 करोड़ रुपए इंसेंटिव।
* आयकर के पुराने मामलों का फॉलोअप नहीं।
* 34.5 लाख करोड़ रुपए खर्च, 12 लाख करोड़ रुपए का कर्ज, वित्तीय घाटा 6.8 फीसदी।
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