वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट पेश करते हुए इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार शहरों को विकास केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करेगी। सीतारमण ने कहा कि यह आर्थिक और पारगमन योजना तथा नगर नियोजन योजनाओं का इस्तेमाल करके 'पेरी-अर्बन' (किसी कस्बे या उसके आसपास के) क्षेत्रों के व्यवस्थित विकास के माध्यम से हासिल किया जाएगा।
उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा कि 30 लाख से अधिक आबादी वाले 14 बड़े शहरों के लिए पारगमन-उन्मुख विकास योजनाएं बनाई जाएंगी, साथ ही कार्यान्वयन और वित्तपोषण रणनीति भी बनाई जाएगी। मंत्री ने अगले पांच वर्षों में शहरी आवास के लिए 2.2 लाख करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता के साथ-साथ शहरी आवास कार्यों के लिए सस्ती दरों पर ऋण की सुविधा के लिए ब्याज सब्सिडी योजना की भी घोषणा की।
वित्त मंत्री ने चुनिंदा शहरों में 100 साप्ताहिक हाट या 'स्ट्रीट फूड हब' के विकास में सहयोग के लिए एक योजना का प्रस्ताव रखा। जल आपूर्ति और स्वच्छता के बारे में मंत्री ने घोषणा की कि केंद्र, राज्य सरकारों और बहुपक्षीय विकास बैंकों के साथ साझेदारी में महत्वपूर्ण परियोजनाओं के माध्यम से 100 बड़े शहरों के लिए जल आपूर्ति, सीवेज उपचार और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं तथा सेवाओं को बढ़ावा देगा।(भाषा)