हर व्यक्ति को 1 फॉर्म दिया गया जिस पर उसे अपना नाम, नंबर, पसंद की विधानसभा भरनी थी। उसी के आधार पर उन्हें प्रचार का काम सौंपा गया जिसमें नुक्कड़ नाटक करने से लेकर घर-घर जाकर जनसंपर्क करना शामिल है।
टीम ने आईआईटी-बीएचयू और अन्य स्थानीय संस्थानों के युवाओं को इकट्ठा किया। अधिकांश स्वयंसेवक शिक्षित पेशेवर या छात्र हैं। ये वो लोग हैं जिन्होंने 3 साल पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वोट दिया था लेकिन अब उनके प्रदर्शन से निराश हैं। कई ऐसे भी हैं, जो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विकास के ‘विजन’ से प्रभावित हैं।