आरक्षण पर मायावती का पलटवार, 'बंदर घुड़की' देना बंद करे भाजपा

शनिवार, 21 जनवरी 2017 (15:21 IST)
लखनऊ। दलित वोट बैंक के सहारे चुनावी संभावनाएं तलाशने वाली और आरक्षण की पुरजोर  वकालत करने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ  पर आरोप लगाया कि वे दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों का आरक्षण खत्म करना चाहते हैं।
 
मायावती ने संघ और भाजपा को चेताया और कहा कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के  लोगों को इन वर्गों के आरक्षण को खत्म करने की बार-बार बंदर घुड़की देने की बात बंद करनी  चाहिए। 
 
उन्होंने यहां कहा कि देश को विशेषकर दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों के  मसीहा बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के प्रति 'मुंह में राम बगल में छुरी' की तरह बर्ताव करने  वाले भाजपा और उनके नीति निर्धारक आरएसएस तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इन वर्गों के  मामले में जातिवादी मानसिकता का पर्दाफाश करते हुए कहना चाहती हूं कि इन वर्गों के लोगों  को अंबेडकर के अथक प्रयासों से संविधान में आरक्षण और जो अन्य कानूनी अधिकार मिले, वो  उनका संवैधानिक अधिकार है। 
 
मायावती ने कहा कि इस अधिकार को कोई सरकार खासकर भाजपा और उसकी कंपनी के लोग  तथा आरएसएस के लोग भी नहीं छीन सकते। अगर आरक्षण खत्म करने के लिए मोदी सरकार  कानून बनाती है तो इन वर्गों के लोग उसे हमेशा के लिए राजनीति करना भुला देंगे।
 
उल्लेखनीय है कि जयपुर साहित्योत्सव में संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य  ने शुक्रवार को आरक्षण व्यवस्था की फिर से समीक्षा की वकालत की है। उन्होंने कहा था कि  अगर आरक्षण व्यवस्था जारी रही तो इससे अलगाववाद को बल मिलेगा।

बसपा सुप्रीमो ने उत्तर प्रदेश की जनता से अनुरोध किया कि आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों से उनके 
 
आरक्षण को आये दिन खत्म करने की बात करने वाले खासकर भाजपा और संघ को वर्तमान में उत्तर प्रदेश सहित 
 
देश के पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव में उनके ज्यादा से ज्यादा प्रत्याशी हराकर उन्हें सजा अवश्य दें।
 
बिहार की तरह ही उत्तर प्रदेश के चुनाव में भी उन्हें सबक दें ताकि इस पार्टी (भाजपा) और संघ के लोग आरक्षण खत्म करने की बेहूदी और असंवैधानिक बातें ना कर सकें।
 
मायावती ने कहा कि इन वर्ग के लोगों से ये भी कहना चाहती हूं कि यदि किसी कारणवश उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बन जाती है तो फिर उनका मनोबल इतना बढ़ जाएगा कि केन्द्र में इनकी पार्टी की सरकार बिना कोई देरी किए यहां दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों का आरक्षण अवश्य खत्म कर देगी या निष्प्रभावी बना देगी।
 
उन्होंने कहा कि इसे बचाने के लिए अब इस चुनाव में एकजुट होकर अपना वोट केवल बसपा को देना है जो इन वर्ग के आरक्षण को बचाने के लिए संघषर्शील रहती है। (भाषा)

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