क्या इस बार भी सुल्तानपुर जिले की सभी सीटों पर सपा कब्जा बनाए रखेगी...

संदीप श्रीवास्तव

सोमवार, 13 फ़रवरी 2017 (18:00 IST)
सुल्तानपुर। गत विधानसभा चुनाव में 2012 में सुल्तानपुर जिले की पांचों विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गई थी, क्या इस बार के विधानसभा चुनाव में भी सपा का दबदबा  कायम रहेगा, उसका कब्जा बरकरार रहेगा, जबकि इस बार के चुनाव में सपा कांग्रेस का गठबंधन भी है व दोनों पार्टियों के जिले के अध्यक्ष का दावा है कि हमारा गठबंधन जिले की  पांचों सीटों पर कब्जा करेगा। दावे में कितना दम है ये तो मतगणना के बाद स्पष्ट ही हो  जाएगा, किंतु सामने चुनौतियां कम नहीं हैं व इस बार का चुनावी समीकरण भी विषम है। उसका सामना तो करना ही पड़ेगा।
इस जिले की सुल्तानपुर विधानसभा सीट पर 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी  के अनूप सांडा बसपा प्रत्याशी ताहिर खान को 6,812 मतों से पराजित कर दूसरी बार विधायक  बनने में सफल हुए थे। इस बार के विधानसभा चुनाव में भी सपा ने अनूप को ही प्रत्याशी  बनाया है जबकि बसपा ने बदलते हुए इस बार मुजित अहमद को प्रत्याशी बनाया है, वहीं  भाजपा ने पूर्व विधायक सूर्यभानसिंह को मैदान में उतारा है।
 
इससे यहां पर त्रिकोणात्मक संघर्ष में विजयश्री का तिलक किसके माथे पर लगता है, ये बताना  मुश्किल होगा लेकिन सपा के लिए विधानसभा का रास्ता इतना आसान नहीं है। जिले की  लेमुआ विधानसभा पर भी सपा का ही कब्जा है।  2012 के चुनाव में सपा के संतोष पांडेय ने बसपा के पूर्व मंत्री विनोद सिंह को 17,372 वोट से मत देकर इस विधानसभा पर सपा का ध्वज फहराया। पार्टी ने इस बार भी संतोष पर ही  दांव लगाया है किंतु भाजपा ने भी ब्राम्हण प्रत्याशी देवमणि दुबे को उतारकर समीकरण को दिलचस्प बना दिया जिसके बाद सपा के सामने अपनी सीट को बरकरार रखना बड़ी चुनौती होगी।
 
इसी जिले की मुस्लिम बहुल विधानसभा इसौली विधानसभा पर भी 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के अबरार अहमद ने पीस पार्टी के बाहुबली प्रत्याशी यश भद्रा सिंह को पटखनी देते हुए 13,941 मतों से विजय हासिल की थी लेकिन इस बार के चुनाव में  स्थिति उनके एकदम विपरीत है।
 
इतना आसान न होगा इस बार का चुनाव उनके लिए, क्योंकि इस विधानसभा में सपा के बागियों की भीड़ है व सपा की जिला पंचायत अध्यक्ष के पति शिवकुमार सिंह ने पार्टी से बगावत कर चुनाव मैदान में ताल ठोंक दी है व पूर्व के विरोधी यश भद्रा सिंह निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं तो बसपा ने डॉ. शैलेन्द्र त्रिपाठी व भाजपा ने ओमप्रकाश पांडेय को मैदान में उतारा है।
 
इस विधानसभा में वोट के बिखराव को रोका नहीं जा सकता जिससे जीत किसके भाग्य में  होगी, यह सुनिश्चित करना मुश्किल होगा। इसी जिले की सदर विधानसभा पर 2012 के चुनाव  में सपा ने अरुण कुमार वर्मा ने बसपा के राज बाबू को 20,907 वोटों से मात दी थी।
 
इस बार के चुनाव में भी सपा ने अरुण को प्रत्याशी बनाया है किंतु भाजपा ने भी उनके सामने  सजातीय प्रत्याशी उतारते हुए सीता राम वर्मा को टिकट दिया है व बसपा ने पूर्व प्रत्याशी राम  बाबू को ही मैदान में उतारा है जिससे इस त्रिकोणात्मक मुकाबले में बसपा को दमदार समझा  जा सकता है।
 
सुल्तानपुर जिले की 5वीं विधानसभा कादीपुर विधानसभा भी सपा के ही खाते में ही यहां से  रामचन्द्र ने बसपा के भगेलू राम को 38,110 वोटों से हराया था किंतु इस बार का मुकाबला मुश्किलोंभरा ही होगा, क्योंकि सपा-कांग्रेस गठबंधन भी है। उसके बाद भी चुनौतियां कम नहीं हैं  जिससे यह कह पाना मुश्किल होगा कि सपा सुल्तानपुर जिले की कितनी सीटों पर कब्जा  बरकरार रख पाएगी?

वेबदुनिया पर पढ़ें