लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में 403 सीटों पर चुनाव होना है, लेकिन उत्तर प्रदेश की जसवंतनगर विधानसभा मुलायम सिंह यादव परिवार के लिए अपराजेय सीट रही है।मुलायम सिंह यादव के पहलवानी के अखाड़े से राजनीति के माहिर खिलाड़ी बनने की आरंभिक गाथा का यह क्षेत्र ही साक्षी रहा है।वे 1967 में पहली बार जसवंतनगर से विधायक निर्वाचित हुए।
1969 में कांग्रेस के पौ. विशंभर सिंह यादव और 1980 में बलराम सिंह यादव विधायक का चुनाव जीते बाकी 1996 तक हुए कुल चुनावों में सात बार मुलायम सिंह यादव ही विधायक निर्वाचित हुए। 1996 में यह सीट उन्होंने अपने अनुज शिवपाल सिंह यादव को सौंप दी। विधानसभा सीट पर मुलायम सिंह यादव ने जीत का जो सिलसिला शुरू किया, दूसरे दलों के लिए उसे तोड़ पाना अभी तक तो मुमकिन नहीं हो पाया है।
अपनी उपेक्षा से नाराज शिवपाल ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बना ली और लोकसभा चुनाव में अपने अलग उम्मीदवार उतारे।लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले चाचा-भतीजे की जोड़ी एक बार फिर साथ आ गई। जातीय समीकरणों से ही घेरेबंदी प्रसपा और सपा के बीच हुए समझौते के तहत शिवपाल फिर सपा के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ रहे हैं।