मजमून

दुनिया में आसान से आसान काम भी मुश्किल होता है। जिसका सुबूत ये है कि आदमी वैसे तो इंसान ही है लेकिन ...
इस दुनिया में वफ़ा एक बेमाअनी लफ़्ज़ है। वफ़ा के नक़्श से ज़माने में किसी को तसल्ली न हुई। वफ़ा एक ऎसा लफ़्ज़...
इश्क़ किसी रंग में भी सामने आए साज़-ओ-सामान की उसको कोई परवाह नहीं होगी। यहाँ तक के मजनूँ की जो तस्वीर...
ख़ुदा की बनाई हुई हर चीज़ फ़ना होने वाली है। हर चीज़, हर तस्वीर का लिबास काग़ज़ का है जो कभी भी जल सकता है...
या तो दीवाना हँसे या तू जिसे तौफ़ीक़ दे वरना इस दुनिया में रेह कर मुस्कुरा सकता है कौन साग़र ख़्य्यामी ...
बेशक ग़ज़ल, शायरी की सबसे मकबूल सिन्फ़ (विधा) से है। लेकिन इसकी मकबूलियत में चार चाँद लगाए हैं कुछ श...
हर शायर अपने हालात से मुतास्सिर होकर जब अपनी सोच और अपनी फ़िक्र को अल्फ़ाज़ का जामा पहनाता है तो वो तमा...