ट्रंप-बिडेन के बीच बहस में उठे Corona, नस्ली भेदभाव और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे
शुक्रवार, 23 अक्टूबर 2020 (17:16 IST)
वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी के उनके प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन के बीच राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए गुरुवार को अंतिम आधिकारिक बहस (प्रेसिडेंशियल डिबेट) के दौरान कोरोनावायरस (Coronavirus), आव्रजन, नस्ली भेदभाव और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे उठे। अमेरिका में तीन नवम्बर को राष्ट्रपति चुनाव है।
टेनेसी के नैशविले में दोनों नेताओं के बीच 90 मिनट से अधिक समय तक बहस हुई। बहस का संचालन एनबीसी की क्रिस्टन वेल्कर ने किया। अंतिम बहस में सबसे अधिक चर्चा कोरोनावायरस पर की गई। राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे एक वैश्विक समस्या बताया।
उन्होंने कहा, यह एक वैश्विक समस्या है, पर कई देशों ने हमारे द्वारा उठाए कदमों पर मुझे बधाई दी है। ट्रंप ने एक बार फिर इसके लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि बीजिंग इस बीमारी को वैश्विक महामारी बनने से रोक नहीं पाया।
साथ ही राष्ट्रपति ने टीका तैयार होने का दावा भी किया। उन्होंने कहा, हमारे पास टीका है, जो आने वाला है, तैयार है। इसकी कुछ सप्ताह में घोषणा की जाएगी और इसे वितरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘जॉनसन एंड जॉनसन’, ‘मॉडर्ना’ और ‘फाइजर’ जैसी कम्पनियां इस दिशा में बहुत अच्छा काम कर रही हैं।
उन्होंने कहा, अन्य देशों में भी हम इस पर काम कर रहे हैं, विशेषकर यूरोप में। ट्रंप ने कहा, जैसे ही टीका आ जाएगा, वह (जनरल) उसे वितरित करेंगे। वहीं बिडेन ने ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी नीतियों की वजह से देश में इतने अधिक लोगों की मौत हुई है।
बिडेन ने कहा, हम एक बुरे दौर में प्रवेश करने वाले हैं। उनके पास इससे निपटने के लिए कोई स्पष्ट योजना नहीं है और ऐसी कोई संभावना नहीं है कि अगले साल के मध्य से पहले अधिकतर अमेरिकी लोगों के लिए टीका उपलब्ध होगा।
वहीं जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर बहस के दौरान ट्रंप ने चीन, भारत और रूस पर दूषित वायु की समस्या से निपटने के लिए उचित कदम न उठाने का आरोप लगाते हुए, पेरिस जलवायु समझौते से हटने के अमेरिका के कदम को सही ठहराया।
उन्होंने कहा, चीन को देखिए, कितना गंदा है। रूस को देखिए, भारत को देखिए, वे बहुत गंदे हैं। हवा बहुत गंदी है। इस प्रशासन के अधीन 35 वर्षों की तुलना में उत्सर्जन की स्थिति सबसे बेहतर है। हम उद्योग के साथ अच्छी तरह से काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, पेरिस समझौते से मैंने अमेरिका को इसलिए अलग किया, क्योंकि हमें खरबों डॉलर खर्च करने पड़ते और हमारे साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार हो रहा था। वहीं बिडेन ने कहा कि उनके सत्ता में आने पर वह एक बार फिर अमेरिका को इस ऐतिहासिक पेरिस समझौते का हिस्सा बनाएंगे और प्रदूषण के लिए चीन की जवाबदेही तय करेंगे।
बहस के दौरान बिडेन ने ट्रंप को आधुनिक इतिहास के सबसे बड़े नस्लवादी राष्ट्रपतियों में से एक बताया। पूर्व उप राष्ट्रपति ने कहा कि ट्रंप ने हर नस्ली घटना को बढ़ावा दिया। वहीं ट्रंप ने बिडेन और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा पर नस्ली भेदभाव के मुद्दे को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
ट्रंप ने कहा, मैं इस कक्ष में मौजूद लोगों की तुलना में सबसे कम नस्ली हूं। वहीं दोनों ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप भी लगाए। ट्रंप ने बिडेन से कहा, मैं चीन से पैसा नहीं कमाता। तुम कमाते हो। मैं यूक्रेन से पैसा नहीं कमाता, तुम कमाते हो। मैं रूस से पैसे नहीं कमाता और तुमने तो 35 लाख डॉलर कमाए हैं।
वहीं बिडेन ने कहा, मेरे बेटे ने उन चीजों से पैसे नहीं कमाए हैं, जिस संदर्भ में तुम चीन की बात कर रहे हो। चीन से केवल एक शख्स पैसे कमाता है, यह (ट्रंप)। बस यही। कोई और चीन से पैसे नहीं कमाता। ऑनलाइन बहस से ट्रंप के इनकार करने के बाद 15 अक्टूबर को होने वाली दूसरी बहस को रद्द कर दिया गया था। ट्रंप के कोरोनावायरस से संक्रमित होने के कारण बिडेन आमने-सामने बहस करने को लेकर चिंतित थे।
इससे पहले, दोनों नेताओं के बीच पिछले महीने हुई पहली बहस काफी गर्मागर्म रही थी, जिसमें कोविड-19, नस्ली भेदभाव, अर्थव्यवस्था और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे उठाए गए थे।(भाषा)