ईपीएफओ ने इससे पहले एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश किए गए अपने कोष को बाजार में बेचने की योजना बनाई थी। ईपीएफ अंशधारकों को 8.5 प्रतिशत की दर से ब्याज का पूरा भुगतान करने के लिए यह निर्णय लिया गया था, लेकिन कोविड-19 के कारण बाजार में भारी उठापटक के चलते ऐसा नहीं किया जा सका।
ईपीएफओ का केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड, संगठन की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था है। दिसंबर 2020 में इसकी पुन: बैठक होगी जिसमें भविष्यनिधि अंशधारकों के खातों में 0.35 प्रतिशत की दर से ब्याज की बकाया राशि का भुगतान किए जाने पर गौर किया जाएगा।