दरअसल, सरकार चाहती है कि 100 प्रतिशत टोल की वसूली FASTag के जरिए हो। इसी के चलते सरकार ने फास्टैग के लिए अलग से टोल पर लाइनें बनाई हैं। बिना फास्टैग वाले वाहन इन लाइनों में घुसते हैं तो उनसे डबल वसूली की जाती है। सरकार इसके जरिए डिजिटल पेमेंट को भी बढ़ावा देना चाहती है।
दरअसल फास्टैग अकाउंट एक तरह से प्रीपेड अकाउंट होता है। ठीक उसी तरह जिस तरह आप अपने मोबाइल की सेवा जारी रखने के लिए शुल्क चुकाते हैं। रिचार्ज रखने के लिए शुल्क अदा करते हैं। इसमें होगा यह कि जब फास्टैग खाते की राशि खत्म हो जाएगी, उसे रिचार्ज कराना होगा।