यह संभव होगा उनके आईटी सिस्टम के नए वर्जन IT 2.0 के जरिए, जो यूपीआई (Unified Payments Interface) से जुड़ने वाले डायनामिक क्यूआर कोड के माध्यम से डिजिटल पेमेंट को सक्षम बनाएगा। इस सेवा के शुरू होने से लाखों ग्रामीण और अर्ध-शहरी ग्राहक, जो डाकघरों में रोजाना सेवाएं लेते हैं। अब नकद की बजाय डिजिटल माध्यम से पेमेंट कर सकेंगे। यह पहल डिजिटल इंडिया और कैशलेस इकोनॉमी को गति देने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
विभाग ने कहा कि डिजिटल पेमेंट को अपनाने वाले ग्राहकों को काउंटर पर सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी। अभी तक देश के डाकघर यूपीआई आधारित डिजिटल पेमेंट स्वीकार नहीं कर पाते थे, क्योंकि उनकी आईटी प्रणाली यूपीआई से लिंक नहीं थी। लेकिन अब IT 2.0 अपग्रेड के तहत एक नया एप्लिकेशन लॉन्च किया जा रहा है, जो हर ट्रांजेक्शन के लिए एक यूनिक डायनामिक क्यूआर कोड जेनरेट करेगा। इससे ग्राहकों को डाक सेवाओं के लिए पेमेंट करना आसान और सुरक्षित हो जाएगा।
कर्नाटक सर्कल में शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट
इस नई प्रणाली का पायलट प्रोजेक्ट कर्नाटक सर्कल में शुरू कर दिया गया है. मैसूर और बागलकोट के मुख्यालयों सहित कई छोटे डाकघरों में क्यूआर कोड के जरिए मेल उत्पादों की बुकिंग सफलतापूर्वक की गई है। अधिकारियों के मुताबिक यह नई व्यवस्था देशभर के डाकघरों में चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी और अगस्त 2025 तक सभी डाकघर इससे लैस होंगे। इनपुट एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma