राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस प्रकार की जानकारी से पता चला है कि कितना अनाज, तिलहन और नकदी फसलें होने वाली है। इसके आधार पर आयात निर्यात नीतियां बनाई जा सकती हैं, अथवा इस संबंध में कोई निर्णय लिया जा सकता है।
उन्होंने कहा, 'इस साल 15 अगस्त को यह सुविधा शुरू होने के बाद, पहले दो महीनों में 58,39,804 किसानों ने पंजीकरण कराया और इनमें से 52,84,598 किसानों ने अपनी खरीफ फसल का ब्योरा भी दर्ज कराया है।' (भाषा)