वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी 2021 को संसद में पेश 2021- 22 के बजट में घोषणा की थी कि एक अप्रैल 2021 से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष में कर्मचारियों के पीएफ में सालाना ढाई लाख रुपए से अधिक के योगदान पर मिलने वाले ब्याज पर कर लगाया जाएगा। इसके लिए गणना में नियोक्ता की ओर से किए जाने वाले अंशदान को शामिल नहीं किया गया था।
सीतारमण ने कहा कि आम तौर पर भविष्य निधि कोष में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का योगदान होता है, लेकिन इसमें ऐसा योगदान भी होता है जो केवल कर्मचारी की तरफ से होता है, उसमें नियोक्ता का हिस्सा नहीं होता है। यह नया प्रावधान एक अप्रैल से अमल में आ जायेगा। कर्मचारी भविष्य निधि कोष संगठन (ईपीएफओ) में करीब छह करोड़ अंशधारक हैं।