योगी सरकार ने जारी किये शुक्रवार तक की फर्टिलाइजर उपलब्धता के आंकड़े
3.01 लाख मीट्रिक टन एनपीके खाद भी प्रदेश के किसानों के लिए है मौजूद
यूरिया का वास्तविक मूल्य 2174 रुपये प्रति बैग, सब्सिडी के चलते किसानों को 266.50 रुपये में हो रहा उपलब्ध
समय से खाद, बीज और सिंचाई सुविधाओं के कारण प्रदेश का खाद्यान्न उत्पादन बढ़कर 737 लाख मीट्रिक टन पहुंचा
पिछले साल की तुलना में इस बार रबी क्षेत्रफल में 4 लाख हेक्टेयर की वृद्धि का लक्ष्य
Fertilizer availability in UP: योगी सरकार के प्रयासों ने प्रदेश के अन्नदाताओं को राहत दी है। सरकार ने साफ किया है कि प्रदेश में कहीं भी खाद-उर्वरकों की कमी नहीं है। सभी मंडलों में पर्याप्त मात्रा में खाद की उपलब्धता है और किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निरंतर मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने कालाबाजारी और ओवररेटिंग पर कड़ा रुख अपनाया है। सरकार द्वारा समय-समय पर मॉनीटरिंग करने से खाद वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता बनी हुई है। कृषि विभाग ने शुक्रवार को मंडलवार खाद की उपलब्धता के ताजा आंकड़े जारी किए हैं।
प्रदेश में खाद की स्थिति : कृषि विभाग के अनुसार, प्रदेश में कुल 5.95 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 3.91 लाख मीट्रिक टन डीएपी (डाय अमोनियम फॉस्फेट) और 3.01 लाख मीट्रिक टन एनपीके (नाइट्रोजन फास्फोरस पोटेशियम) की उपलब्धता है। इसका अर्थ है कि खरीफ सीजन के दौरान किसानों के लिए खाद का पर्याप्त भंडार मौजूद है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और खाद की उपलब्धता व वितरण पर कड़ी नजर रख रही है।
किसानों को मिल रहा सब्सिडी का लाभ : बता दें कि योगी सरकार किसानों के हित में लगातार कदम उठा रही है। यूरिया का वास्तविक मूल्य 2,174 रुपये प्रति बैग है, लेकिन सब्सिडी के चलते यह किसानों को मात्र 266.50 रुपये में उपलब्ध कराया जा रहा है। समय से खाद, बीज और सिंचाई सुविधाओं की वजह से प्रदेश का खाद्यान्न उत्पादन बढ़कर 737 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच चुका है। कृषि क्षेत्र से जुड़ा जीएसवीए, जो सपा शासन के दौरान 2 लाख करोड़ रुपये था, अब बढ़कर 7 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
खाद की कालाबाजारी करने वालों पर हो रही लगातार कार्रवाई : योगी सरकार ने प्रदेश में खाद की उपलब्धता को लेकर विशेष सावधानी बरती है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को समय से यूरिया, डीएपी और एनपीके मिल सके। सीमावर्ती जिलों में तस्करी रोकने के लिए कड़ी चौकसी बढ़ा दी गई है और जमाखोरी व कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई भी जारी है। इसका असर यह हुआ है कि मंडलवार खाद की उपलब्धता संतुलित है और किसानों को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा।