रामलला की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया : आचार्य सतेन्द्र दास ने रामलला की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। रामलला के टेंट विराजित से लेकर भव्य-दिव्य राम मंदिर का सफर भी उन्होंने देखा। उनकी सबसे बड़ी खास बात यह रही कि वे अपने आराध्य की सेवा, उनके भव्य राम मंदिर के निर्माण व गर्भगृह में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा वे साक्षी बने। इसके लिए लाखों भक्तों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।