लखनऊ/बरेली। उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में 'इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया' के प्रमुख मौलाना खालिद रशीद (Maulana Khalid Rashid) फरंगी महली ने सभी मस्जिद कमेटियों से रमजान के दूसरे जुमे की नमाज का वक्त बढ़ाकर 2 बजे करने की अपील की है। इसी 14 मार्च को होली (Holi) और रमजान (Ramadan) महीने दूसरा जुमा है। इसी को ध्यान में रखते हुए मौलाना ने यहां ईदगाह स्थित जामा मस्जिद में जुमे की नमाज (Friday namaz) का समय दोपहर 12:45 बजे से बढ़ाकर दोपहर 2 बजे करने की घोषणा की।
उधर बरेली में 'ऑल इंडिया मुस्लिम जमात' के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने प्रदेश की मस्जिदों के इमामों से अपील की है कि होली वाले दिन जुमे की नमाज का वक्त 2:30 बजे रखा जाए। लखनऊ में फरंगी महली ने जुमे की नमाज का परामर्श जारी करते हुए कहा कि जुमे की नमाज मुसलमानों की अहम जमात है। दोपहर करीब 1 बजे तक होली खेली जाती है। जिन मस्जिदों में जुमे की नमाज 12.30 से 1 बजे के बीच होती है, वहां पर नमाज का वक्त दोपहर 2 बजे का कर लें।ALSO READ: होली पर कब होगी जुमे की नमाज, संभल CO की अपील पर मौलाना साजिद रशीदी का बड़ा बयान
जुमे की नमाज पढ़ने दूर की मस्जिद में न जाएं : उन्होंने कहा कि मुसलमान जुमे की नमाज पढ़ने दूर की मस्जिद में न जाएं। अपने मोहल्ले की मस्जिद में ही नमाज अदा करें। फरंगी महली ने उम्मीद जताई कि इस पहल से हमारी गंगा-जमुनी सभ्यता, राष्ट्रीय एकता, आपसी भाईचारा को बढ़ावा हासिल होगा।
उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि 14 मार्च को छुट्टी का दिन होगा इसलिए मुसलमानों को यह सलाह दी जाती है कि वे अपनी नजदीकी मस्जिदों में ही नमाज अदा कर लें। किसी भी प्रकार की यात्रा से बचें ताकि किसी को भी किसी प्रकार की असुविधा न हो। बरेली में मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने एक बयान में कहा कि रमजान के पवित्र महीने को सब्र के साथ गुजारें।ALSO READ: मथुरा-वृंदावन के अलावा इन जगहों की होली भी होती है रंगारंग, मजेदार होली के लिए आप भी पहुंच जाएं
मौलाना बरेलवी ने ने पूरे प्रदेश की मस्जिदों के इमामों और मुतवल्लियों से अपील की कि होली और जुमा एक ही दिन है। जुमे की नमाजे विभिन्न मस्जिदों में अलग-अलग समय पर होती है। वो इलाके जहां पर मिली-जुली आबादी है, उन इलाकों की मस्जिदों में जुमे की नमाज का समय 2.30 बजे रख लें और वो इलाके जो मुस्लिम बहुल है, वहां मस्जिदों का समय बदलने की जरूरत नहीं। हर शहर के उलमा और इमाम इन बातों पर खासतौर पर ध्यान दें।
मुसलमान सिर्फ 3-4 घंटे सड़कों और गलियों पर न निकलें : उन्होंने कहा कि होली वाले दिन मुसलमान सिर्फ 3-4 घंटे सड़कों और गलियों पर न निकलें और अगर कहीं जरूरी काम से जाना भी है तो उसमें बहुत एहतियात बरतें। अगर कोई बच्चा या नासमझ व्यक्ति रंग डाल देता है तो उससे उलझनें की जरूरत नहीं है। इस तरह के रंगों के पानी से कपड़ा नापाक नहीं होता है।ALSO READ: होली स्पेशल : भारत के इस राज्य में मनाया जाता है होला मोहल्ला, जानिए 2025 में कब और कैसे मनेगा ये अनोखा त्योहार
आगामी होली के त्योहार और रमजान माह में शांति व सौहार्द बनाए रखने के उद्देश्य से गुरुवार को संभल कोतवाली पुलिस थाने में शांति समिति की बैठक हुई। बैठक के बाद पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) अनुज चौधरी ने कहा था कि यदि किसी को लगता है कि होली के रंग से उसका धर्म भ्रष्ट होता है तो वह उस दिन घर से न निकले। शांति समिति की बैठक में सीओ ने दोनों समुदायों के लोगों से एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करने का आग्रह किया।
शांति समिति की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में सीओ चौधरी ने कहा कि जिस प्रकार से मुस्लिम बेसब्री से ईद का इंतजार करते हैं, उसी तरह हिन्दू होली की प्रतीक्षा करते हैं। होली का त्योहार 14 मार्च को है और इसी दिन जुमा की नमाज भी होगी।
सीओ के इस बयान पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता शरवेंद्र बिक्रम सिंह ने कहा था कि मुख्यमंत्री की नजरों में बने रहने के लिए अधिकारी उनकी बातों की नकल कर रहे हैं। ऐसे बयान देने वालों और खुलेआम पक्षपात करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। यह निंदनीय है और अधिकारियों को भाजपा के एजेंट की तरह काम नहीं करना चाहिए।
पुलिस अधिकारी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उत्तरप्रदेश कांग्रेस मीडिया कमेटी के उपाध्यक्ष मनीष हिंदवी ने कहा था कि कोई भी अधिकारी चाहे वह कोई भी हो, उसे धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए तभी इस देश में शासन ठीक से चल सकता है अन्यथा इससे अराजकता फैल जाएगी।(भाषा)