अयोध्या जैन धर्म के 5 तीर्थंकरों की जन्मभूमि है : इस महोत्सव के बारे में जानकारी देते हुए जैन मंदिर के पीठाधीश रवीन्द्र कीर्ति स्वामी ने बताया कि अयोध्या जैन धर्म के 5 तीर्थंकरों की जन्मभूमि है। यहां पर युग के आदि में यानी कि प्रारंभ में भगवान ऋषभदेव ने जन्म लिया है। कहा कि हमारे जैन धर्म की मान्यता है कि भगवान ऋषभदेव की कुल परंपरा में ही आज से 9 लाख वर्ष पूर्व मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म हुआ है।
पंचकल्याणक में सारी व्यवस्थाएं नि:शुल्क : जैन धर्म के अनुसार जिसे हिन्दू पुराणों में प्राण-प्रतिष्ठा कहते हैं जिसमें भगवान का गर्भ कल्याणक, भगवान जब जन्म लेते हैं तो उनका जन्म कल्याणक, जब भगवान दीक्षा लेते हैं तो उनका तप कल्याणक, जब भगवान तपस्या करके ज्ञान को प्राप्त करते हैं तो ज्ञान कल्याणक और जब भगवान सभी कर्मों से मुक्त हो जाते हैं तो उसे निर्वाण कल्याणक कहा जाता है। ऐसा ही पंचकल्याणक चल रहा है जिसमें देश के कोने-कोने से भक्तगण आए हुए हैं। इनके लिए बेहतर सुविधाएं की गई हैं। सारी व्यवस्थाएं नि:शुल्क हैं। महोत्सव के अंतर्गत नगर भ्रमण करने के लिए भव्य शोभायात्रा भी निकाली गई है।