कैसे हुआ अतीक अहमद के बेटे असद का एनकाउंटर, देखिए घटनास्थल की तस्वीरें
गुरुवार, 13 अप्रैल 2023 (15:13 IST)
झांसी। उत्तर प्रदेश विशेष कार्यबल (STF) ने गुरुवार को झांसी में माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और उसके एक साथी गुलाम को मुठभेड़ में मार गिराया। एनकाउंटर के बाद सोशल मीडिया पर वायरल फोटो में असद और गुलाम की लाश के पास एक बाइक और उनके हाथ में हथियार दिखाई दे रहे हैं।
विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में वांछित, 5-5 लाख रुपए के इनामी असद और गुलाम की एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मौत हो गई। उन्होंने बताया कि यूपी एसटीएफ की टीम में पुलिस उपाधीक्षक नवेंदु और विमल शामिल थे। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए आरोपियों के पास से अत्याधुनिक विदेशी हथियार बरामद किए गए हैं।
#WATCH आज 12:30 से 1 बजे के बीच में एक सूचना के आधार पर कुछ लोगों को रोका गया तो दोनों तरफ से गोलियां चलीं। इस मुठभेड़ में 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या करने वाले दो लोग घायल हुए और बाद में इनकी मृ्त्यु हो गई। इनकी पहचान असद अहमद और गुलाम के रूप में हुई। अभियुक्तों के पास से… pic.twitter.com/uVeIkDPsnj
उन्होंने कहा कि पुलिस को इनपुट मिले थे कि असद और गुलाम वारंट बी लेकर साबरमती और बरेली गए पुलिस दल पर हमला कर सकते हैं। दोनों अपराधियों को गोली चलाते हुए सबने देखा। एनकाउंटर साढ़े 12 से 1 बजे के बीच हुआ।
बताया जा रहा है कि असद उमेश पाल की हत्याकांड को अंजाम देने के बाद लखनऊ गया। वहां से कानपुर पहुंचा और फिर वहां से मेरठ निकल गया। मेरठ से वह दिल्ली गया और वहां से वह अजमेर होते हुए झांसी आया। वह मोटरसाइकिल से झांसी से मध्यप्रदेश जा रहा था तभी पुलिस से उसकी मुठभेड़ हो गई।
अतीक की गैंग के एक सदस्य की मुखबरी के बाद यूपी एसटीएफ ने झांसी में मोर्चा संभाल लिया। करीब 12 बजे झांसी के पारीछा डैम के पास असद को घेर लिया गया। मुठभेड़ में 12 पुलिसकर्मी शामिल थे। इसमें 2 डिप्टी एसपी और 2 इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी थे।
इस बीच यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए कहा कि झूठे एनकाउंटर करके भाजपा सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है। भाजपाई न्यायालय में विश्वास ही नहीं करते हैं। आज के व हालिया एनकाउंटरों की भी गहन जांच-पड़ताल हो व दोषियों को छोड़ा न जाए। सही-गलत के फ़ैसलों का अधिकार सत्ता का नहीं होता है। भाजपा भाईचारे के खिलाफ है।
झूठे एनकाउंटर करके भाजपा सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है। भाजपाई न्यायालय में विश्वास ही नहीं करते हैं। आजके व हालिया एनकाउंटरों की भी गहन जाँच-पड़ताल हो व दोषियों को छोड़ा न जाए। सही-गलत के फ़ैसलों का अधिकार सत्ता का नहीं होता है।
गौरतलब है कि वर्ष 2005 में बहुजन समाज पार्टी विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल और उसके दो सुरक्षा गार्ड की इस साल 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उसके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
उमेश पाल की पत्नी जया पाल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर 25 फरवरी को अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, असद सहित दो बेटों, शूटर गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा 9 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।