उन्होंने कहा कि मैं सरकारी कॉलेज में लेक्चरर थी और वहां मैंने सेवा की। मेरी सत्यनिष्ठा खुद सरकारी अधिकारियों ने प्रमाणित की थी। अचानक मैं अपराधी हो गई कि मेरे खिलाफ 50 मुकदमे दर्ज किए गए। यह पूछने पर कि क्या इस बीच उनकी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से बात हुई, फातिमा ने कहा कि जेल के अंदर से मैंने या आजम साहब ने किसी से बात नहीं की। (भाषा)