कन्नौज जिले में मंडप सजा। गाजे-बाजे के साथ बारात आई, लेकिन दुल्हन की डोली उठने से पहले उसकी अर्थी उठ गई। बारात का स्वागत-सत्कार चल रहा था, दुल्हन की वेशभूषा में सजी युवती के अचानक से पेट में दर्द हुआ और वह तड़पने लगी। घर के लोगों ने पास के एक झोलाछाप डाक्टर से दवा लाकर खिला दी। दुल्हन को आराम नही पड़ा और उसने दम तोड़ दिया। शादीवाले घर में मातम पसर गया और दूल्हा मायूस होकर वापस लौट गया।
कन्नौज के गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र स्थित किश्वापुर गांव के रहने वाले महेश बाथम की 22 साल की बेटी रिंकी की शादी का जश्न चल रहा था। घर में जमा रिश्तेदार मंगलगीत गा रहे थे। दरवाजे पर बारात आ गई और रिंकी दुल्हन की ड्रेस पहने वरमाला डालने जाने का इंतजार कर रही थी। लेकिन शनिवार की देर शाम अचानक उसके पेट में तेज दर्द होने लगा। परिवार के लोग घबरा गए और तुरंत उसे गांव के ही एक झोलाछाप डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने दवा दी जिसे रिंकी ने खा लिया, लेकिन दवा खाने के कुछ देर बाद उसकी तबीयत और बिगड़ गई।
रिंकी के परिजनों ने सोचा कि गर्मी बहुत है, घर में लोगों के कारण उसे घबराहट या तनाव है, जिसके चलते वह असहज हो रही है और उसकी तबीयत बिगड़ी है। रिंकी का दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा था बल्कि बढ़ता जा रहा था, दुल्हन दर्द से कराह रही थी, उसकी तरफ किसी का ध्यान नही गया। गांव और घर के लोग बैंडबाजे पर नाचते दूल्हे को देख रहे थे, बारात के स्वागत में सभी परिजन जुट गए। इसी बीच रिंकी की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई और उसकी परिवार के सामने ही जान चली गई। शादी वाले घर में हाहाकार मच गया, परिवार बिलखने लगा, रिंकी की मां और पिता बेसुध हो गए।
दूल्हा पक्ष भी इस अप्रत्याशित घटना से स्तब्ध रह गया, घोड़ी पर चढ़कर आया दूल्हा गुमसुम होकर एक किनारे बैठ गया। रिंकी के परिजनों और दूल्हा पक्ष में बातचीत के बाद बीते देर रात्रि में बारात वापस लौट गई। रिंकी की मौत से पूरा गांव गमहीन है और उसके विन्रम स्वभाव की चर्चा हर किसी के जुबान पर सुनाई दे रही है। झोलाछाप डाक्टर की लापरवाही से 22 वर्षीय युवती अपनी जान खो बैठी है, वहीं स्वास्थ्य विभाग ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की बजाय अपनी आंखें मूंद लेता है। Edited by: Sudhir Sharma