मुरादाबाद। कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान के निधन से मुरादाबाद के गांव मूंढापांडेय स्थित पैतृक घर में कोहराम मचा हुआ है। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और उत्तरप्रदेश के मंत्री चेतन्द्र प्रताप सिंह यानी चेतन चौहान के निधन की सूचना पर उनके गांव मूंढापांडेय में पहुंची तो रिश्तेदारों व गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी। लोग शोक-संवेदना प्रकट करने के पहुंच रहे हैं और मंत्री के पैतृक घर पहुंचने लगे। परिवार की महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल है।
चेतन ने खेल और राजनीति में ही अपने हाथ नहीं आजमाए, बल्कि वे एक अच्छे कारोबारी भी साबित हुए। उनकी कोरल न्यूज प्रिंट फैक्टरी जनता के लिए रोजगार का माध्यम बनी। चेतन चौहान खिलाड़ियों की समस्याओं से तो रूबरू होने के साथ किसानों की दिक्कतों को भी बखूबी समझते थे। खिलाड़ियों की परेशानियों के चलते जिले में स्टेडियम बनवाया, तो वहीं किसानों के लिए कृषि विज्ञान केंद्र बनवाया। अपने दुलारे मंत्री व भाई को खोने का दु:ख उनके पैतृक गांव मूंढापांडेय में झलक रहा है।
चेतन सीधे तौर से किसानी से न कभी नहीं जुड़े लेकिन किसानों की चिंता हमेशा करते थे। उनकी व उनके भाइयों की दिल्ली-लखनऊ राजमार्ग मूंढापांडेय गांव में 32 बीघा जमीन है, जो ठेके पर दे रखी है। अपने करीबी लोगों से हमेशा कहते कि 'चिंता मत करो, जमीन के बहाने मिलने आता रहूंगा गांव में।' रिश्ते के भाई हेमंत चौहान का कहना है कि भाई के जाने से ऐसा लग रहा है, जैसे सिर से छत का साया उठ गया। मंत्री होते हुए भी हमें या गांव के लोगों व सबसे अपनों जैसे मिलते थे, समझाते थे।