मेरठ में सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए हनुमंत कथा प्रारंभ हुई। कथा के पहले दिन की बाबा बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भगवान हनुमान की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की। श्रद्धालुओं की भक्ति और भावनाओं से सजी इस कथा में पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने भगवान हनुमान की महिमा का गुणगान किया तो वहां मौजूद श्रद्धालु भावविभोर हो गए।
भजन से हुआ वातावरण मंत्रमुग्ध
पूजा के बाद पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्रीजी ने कथा व्यास पर आसीन होते ही प्रसिद्ध भजन "सीताराम हनुमान सीताराम" का गायन किया तो कथास्थल पर मौजूद श्रृद्धालु भक्तिभाव में झूमने लगे। भजन के दौरान पूरा पंडाल में उपस्थित सभी लोग झूमते हुए हनुमानजी की भक्ति में रंग गए। यह दृश्य देखकर लगा कि भक्तों के दिलों में हनुमानजी के प्रति श्रद्धा और आस्था को और गहरा कर गया।
मेरठ की भूमि का विशेष महत्व
धीरेंद्र शास्त्रीजी ने हनुमंत कथा शुरू करने से पहले मेरठ ऐतिहासिक भूमि का जिक्र करते हुए कहा कि मेरठ की क्रांतिधरा पर आकर जीवन धन्य हो गया। यहां रावण की ससुराल है और यहां औघड़नाथ मंदिर में भगवान शिव तथा माता पार्वती स्वयं विराजमान रहते हैं। उनके मुख से वर्णित शब्दों में गहरी आस्था और काव्यात्मक भावनाओं की ध्वनि सुनाई दे रही थी।
चौपाई सुनाकर श्रद्धालुओं को किया भावविभोर
बागेश्वर सरकार के मुख से 'मंगल मूर्ति मारुति नंदन' और 'चौपाई' सुनाई। उनका प्रत्येक शब्द श्रद्धालुओं के दिलों तक पहुंचा और सभी को भावविभोर कर दिया। उन्होंने मंगल भवन अमंगल हारी का गान भी किया, जिससे सभी श्रद्धालु तालियां बजाने से खुद को रोक नहीं पाए। यह पल पूरी तरह से भक्ति और आनंद से सराबोर था।
संगत का प्रभाव और हनुमानजी की उपासना
शास्त्रीजी ने कथा के दौरान यह भी कहा कि हर परिस्थिति में जो हंसते हैं, उनके सीने में हनुमान बसते हैं। उनका यह संदेश था कि हनुमानजी की उपासना जीवन में हर तरह के संकटों को दूर करने में मददगार होती है। उन्होंने कहा कि यदि जीवन में कोई अड़चन या अमंगल है या मांगलिक दोष हो तो हनुमानजी के दर्शन और उनका स्मरण सबकुछ मंगलमय कर देता है। उन्होंने यह भी कहा कि संगत का प्रभाव मनुष्य की रंगत पर पड़ता है।
इस संदर्भ में उन्होंने श्रद्धालुओं को प्रेरित करते हुए कहा कि यदि हनुमानजी को मन में बसा लिया जाए तो जीवन में हर तरफ मंगल ही मंगल होगा। बाबा बागेश्वर सरकार पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने हनुमान जी की महिमा के साथ-साथ भक्ति के महत्व को भी स्पष्ट किया। उनके शब्दों में यह प्रेरणा दी गई कि हनुमानजी की उपासना से जीवन में हर कठिनाई का समाधान निकल सकता है और मनुष्य को हर स्थिति में सुख, शांति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है।
मेरठ के जागृति विहार एक्सटेंशन में 25-29 मार्च तक धीरेंद्र शास्त्री के मुख से हनुमंत कथा आयोजन चल रहा है। कथा के श्रवण के लिए दूरदराज श्रद्धालुओं ने आकर अपना डेरा जमा लिया है। कथा के प्रथम दिवस पर श्रद्धालुओं ने हनुमानजी की भक्ति में लीन होकर कथा का पूरा आनंद लिया और हनुमानजी के आशीर्वाद से अपने जीवन को मंगलमय बनाने की प्रार्थना की। Edited by : Sudhir Sharma