हाथरस। पीड़िता की मौत के बाद उपजे तनाव को देखते हुए शासन और प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है। हाथरस में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए धारा 144 के साथ ही जिले की सीमाओं को सील कर दिया गया है, किसी भी बाहरी व्यक्ति या वीआईपी को सीमा के अन्दर प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है।
जिला प्रशासन को इनपुट मिला है कि आज कुछ राजनीतिक पार्टियां पीड़ित परिवार से मिलने के लिए पहुंच सकती है, जिसमें राहुल-प्रियंका का नाम भी सामने आ रहा है। इस इनपुट पर पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया है, उनका कहना है कि जिले की शांति व्यवस्था से किसी भी दल या व्यक्ति को खेलने नही दिया जायेगा। सीमा पर पुलिस बल बड़ा दिया गया है, यदि कोई वी आई पी क्षेत्र में आने की कोशिश करेगा तो पहले उसे समझाया जायेगा। यदि वह नहीं मानता है तो कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
हाथरस पुलिस-प्रशासन ने बीते कल के हंगामे के बाद ये एक्शन लिया है। दलितों ने सड़कों पर उतर कर हंगामा बरपाया था, जिसके चलते पुलिस को भी बल प्रयोग करना पड़ा। इस हंगामे की गूंज देशभर में सचनाई दी, स्थानीय और बाहरी मीडिया के लोग रिपोर्टर भी बड़ी संख्या में क्षेत्र में डेरा डाले हुए है। कोविड 19 का दौर चल रहा है, ऐसे में मीडिया को भी एक जगह पर इकट्ठा होने की अनुमति नही दी है। संख्या में मीडिया के लोग भी बाहर से आये है।
प्रशासन का घटना वाले गांव में सख्त रूख अपनाने के पीछे मुख्य कारण यह भी है कि गांव में ड्यूटी पर तैनात 3 पुलिस कर्मी में कोरोना के प्रारंभिक लक्षण पाए गए है, जिसकी जांच आज होगी। जिसके कारण हड़कंप मच गया है, स्वास्थ्य विभाग की टीम को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। लिहाजा आज से किसी भी मीडिया के पर्सन और बाहरी आगुन्तक को गांव तक जाने नहीं दिया जाएगा।
हाथरस पुलिस एसपी व्रिकांत वीर का कहना है कि सरकार पीड़ित परिवार के साथ है, उन्हें पूर्ण सुरक्षा दी जा रही है। लेकिन अभी जो पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट J N मेडिकल कॉलेज अलीगढ़ ने दी है, उस मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता से रेप की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन हमें अभी फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है।