लेकिन जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा और शासन इस प्रस्ताव पर मोहर लगा दी तो जल्द ही पीपीएस, गजेटेड, नॉन गजेटेड पुलिसकर्मी, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल इसके घेरे में होंगे और इन सबको भी हर साल आईपीएस अधिकारियों की तरह अपनी संपत्ति का ब्योरा देना पड़ेगा।