लखनऊ। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में होने वाले कुंभ के आयोजन को लेकर प्रदेश सरकार किसी भी प्रकार की कोर- कसर नहीं छोड़ रही है। राज्य में होने वाले कुंभ को लेकर किस किसको और कैसे आमंत्रित करना है, इसको लेकर भी सरकार ने रूपरेखा तैयार कर ली है।
राम, कृष्ण, बुद्ध के अलावा यह सूफी संतों की धरती है.काशी, मथुरा, अयोध्या, नैमिषारण्य और शक्तिपीठों के नाते यहां धार्मिक एवं अध्यात्मिक, दुधवा और सोनभद्र जैसी जगहों की वजह से इको टूरिज्म और बुंदेलखंड में हेरिटेज टूरिज्म के विकास की असीम संभावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री के मुताबिक वाराणसी में होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन के पूर्व 192 देशों के राजनयिक कुंभ देखने इलाहाबाद आएंगे। इसके लिए उनको आमंत्रण भेजा जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि देश के सभी छह लाख गांवों से भी कम से कम एक-दो लोगों का कुंभ में प्रतिनिधित्व हो। इसको लेकर भी सरकार रूपरेखा तैयार कर रही है।