इसे लेकर अलीगढ़ महानगर में विभिन्न प्रकार की चर्चाएं देखने और सुनने को मिल रही हैं, वहीं कुछ युवाओं का कहना है कि अलीगढ़ का नाम कभी भी अलीगढ़ नहीं था, लेकिन कुछ आतताइयों ने अपने कार्यकाल के दौरान इसका नाम अलीगढ़ कर दिया।
उधर अलीगढ़ के धर्मगुरु मुफ़्ती जाहद अली खान ने पं. धीरेन्द्र शास्त्री के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते कहा कि कुछ लोग देश को बर्बादी के रास्ते पर ले जा रहे हैं। यह मुल्क सबका है। इसमें कुछ हिस्सा मुसलमानों का भी है। यह पहले भी रहा है और आगे भी रहेगा। देश पार्टनरशिप के हिसाब से चलना चाहिए। अगर कोई मुसलमानों का नाम मिटाना चाहता है तो मिटा दीजिए। जब सत्ता बदलेगी तो कोई उनका नाम हटा देगा। देश गृहयुद्ध की तरफ जा रहा है।