लखनऊ। उत्तरप्रदेश में परिषदीय स्कूलों में नवीन विद्यालय प्रबंध समिति का गठन किया जा चुका है। अब नवीन समिति को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण में सदस्यों को उनके अधिकारों व कर्तव्यों के बारे में बताया जाएगा। इसके लिए विद्यालय को 200 रुपए प्रति बैठक के हिसाब से बजट भी दिया गया है और शासन की तरफ से बैठक के लिए धनराशि भी जारी कर दी गई है।
क्या है विद्यालय प्रबंध समिति? : सरकारी विद्यालयों में विद्यालय की विकास योजनाओं तथा अन्य कार्य में सहयोग एवं अनुश्रवण के लिए विद्यालय प्रबंध समिति का गठन किया जाता है। इसमें विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावक व लेखपाल, एएनएम तथा प्रधानाध्यापक सदस्य होते हैं। इसका गठन प्रत्येक 2 वर्ष के अंतराल पर किया जाता है। नवीन समिति के सदस्यों को उनके अधिकारों व कर्तव्यों के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से जनवरी माह में बैठक की जाती है।
इसमें प्रधानाध्यापक द्वारा विद्यालय प्रबंध समिति को 3 वर्ष के लिए विद्यालय विकास योजना का निर्माण करने, ग्राम के सभी पात्र बच्चों को विद्यालय में नामांकित कराने, उनकी शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए अभिभावकों को जागरूक करना, विद्यालय में बनने वाले भोजन की निगरानी, विद्यालय तथा समुदाय के बीच तालमेल बनाकर जनसहयोग से विद्यालय में कार्य कराना, निपुण भारत मिशन योजना का प्रचार-प्रसार कर अभिभावकों को जागरूक करना आदि के बारे में बताया जाता है।