दूसरी तरफ रामपुर में अच्छी पैठ रखने वाले सपा के नेता आजम खान भी इतनी परेशानियों से घिरे हैं, जिसका नुकसान भी पार्टी को हो सकता है। अगर सपा की तरफ आजम खान के परिवार से जुड़े किसी व्यक्ति को मैदान में उतारा जाता है तो कहीं ना कहीं सहानुभूति की लहर के चलते सपा अपने किले को बचाए रखने में कामयाब हो सकती है, लेकिन स्थिति को देखते हुए रामपुर की चुनावी लड़ाई आसान नहीं है।