अयोध्या नगरी में जहां एक तरफ भगवान श्रीराम का भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण बड़ी ही तीव्र गति से हो रहा है, वहीं अयोध्या मे लगने वाली भगवान श्रीराम की मूर्ति विश्व रिकॉर्ड बनाएगी। यह मूर्ति विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति होगी। सबसे खास बात यह कि मूर्ति पूर्ण रूप से स्वदेशी होगी। इसका निर्माण उत्तर प्रदेश में ही किया जाएगा। इसका कोई भी अंश विदेश में नहीं बनेगा और ना ही विदेश में इसके किसी हिस्से की ढलाई होगी।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सपना है कि अयोध्या नगरी सतयुग की अयोध्या जैसी हो, जिसके लिए वे पूर्ण रूप से समर्पित होकर अयोध्या को संवारने के कार्य में लगे हुए हैं, जो अयोध्या मे दिखने भी लगा है। योगी जी इच्छा है कि अयोध्या विश्व में सबसे अनोखी नगरी हो। पूरा विश्व उसे देखने आए। अयोध्या का स्वरूप धीरे-धीरे अपना रूप ले रहा है।
भगवान की राम की इस मूर्ति का निर्माण करने वाले पद्मभूषण से सम्मानित मूर्तिकार राम सुतार और उनके बेटे अनिल सुतार ने बताया कि भगवान राम की मूर्ति का डिजाइन पास होने के बाद मुख्यमंत्री योगी से उनकी इसको लेकर वार्ता हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा था कि यह मूर्ति पूरी तरह से स्वदेशी हो। हमने उन्हें आश्वस्त किया है कि यह मूर्ति पूरी तरह से स्वदेशी होगी और इसका निर्माण वह उत्तर प्रदेश में ही करेंगे। यह सबसे भव्य मूर्ति बनेगी।
सबसे ऊंची होगी रामजी की मूर्ति : अयोध्या में बनने वाली यह मूर्ति विश्व रिकॉर्ड बनाएगी। उसकी ऊंचाई 208 मीटर है, लेकिन अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति 251 मीटर ऊंची होगी। इसका निर्माण होने के साथ ही अयोध्या चीन को पछाड़ देगा। विश्व की सबसे ऊंची इस मूर्ति में अनेक विशेषताएं होंगी। इसमें 20 मीटर ऊंचा चक्र होगा। मूर्ति 50 मीटर ऊंचे बेस पर खड़ी होगी। बेस के नीचे ही भव्य म्यूजियम होगा। जहां टेक्नोलॉजी के जरिए भगवान विष्णु के सभी अवतारों को दिखाया जाएगा। यहां डिजिटल म्यूजियम, फूड प्लाजा, लैंड स्केपिंग, लाइब्रेरी, रामायण काल की गैलरी आदि भी बनाई जाएगी।
80 हेक्टेयर जमीन का होगा अधिग्रहण : इस मूर्ति के निर्माण के लिए अयोध्या में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी चल रही है। अयोध्या के गांव मांझा बरहटा में ही श्रीराम की यह भव्य प्रतिमा लगेगी। जहां की 80 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण की कार्रवाई वर्तमान में चल रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार पैसा भी जारी कर चुकी है।
सबसे ऊंची मूर्तियों का निर्माण : राम सुतार अभी तक 1500 से अधिक मूर्तियों को डिजाइन कर चुके हैं। उन्हें सरकार से पद्मभूषण, पदमश्री, टैगोर अवॉर्ड भी मिल चुके हैं। गुजरात स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी उनके द्वारा ही बनाया गया है। सरदार वल्लभ भाई पटेल की यह मूर्ति 182 मीटर ऊंची है। मुंबई में बन रही बाबा साहेब की 137.2 मीटर ऊंची और छत्रपति शिवाजी महाराज की 212 मीटर ऊंची प्रतिमा भी सुतार ही बना रहे हैं। वह 50 से अधिक स्मारक और प्रतिमाओं का निर्माण कर चुके हैं।
संसद में लगी इंदिरा गांधी, मौलाना आजाद, जवहारलाल नेहरू समेत 16 मूर्तियों को भी सुतार ने ही बनाया है। लखनऊ में लगी मूर्तियां, नोएडा में पार्कों में लगी मूर्तियां, मंगोलिया में बुद्ध की मूर्ति भी उन्होंने ही बनवाई है। विश्व के 450 शहरों में उन्हीं के द्वारा बनायी गई गांधीजी के मूर्तियां लगी हैं।
कौन हैं राम सतुार : नोएडा में रहने वाले रामसुतार का जन्म 19 फरवरी, 1925 को महाराष्ट्र के धूलिया जिले में हुआ था। राम सुतार बहुत छोटी उम्र से मूर्तियां गढ़ने लगे थे। उन्होंने मुम्बई के सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट में पढ़ाई की। उन्हें कांस्य, पत्थर और संगमरमर से बुत तराशने में विशेष रूप से महारत हासिल है।
राम सुतार ने 1950 के दशक में पुरातत्व विभाग के लिए काम किया और अजंता एवं एलोरा की गुफाओं की बहुत सी मूर्तियों को उनके मूल स्वरूप में लौटाने का कार्य किया। सुतार ने गंगासागर बांध पर चंबल देवी की 45 फुट ऊंची सुंदर प्रतिमा तराशकर मध्यप्रदेश और राजस्थान राज्यों को उनके दो पुत्रों के रूप में बनाया।
उनकी बनाई महात्मा गांधी की प्रतिमा उनकी सबसे चर्चित कलाकृतियों में से एक है और भारत सरकार ने गांधी शताब्दी समारोहों के अंतर्गत इस प्रतिमा की अनुकृति रूस, ब्रिटेन, मलेशिया, फ्रांस, इटली, अर्जेंटीना, बारबाडोस सहित बहुत से देशों को उपहार स्वरूप दी है।