उत्तरप्रदेश में भाजपा के लिए सर्वाधिक प्रतिष्ठा की सीट मानी जाने वाली अयोध्या में अप्रत्याशित हार से भाजपा भौचक्की रह गई है। उसे समझ नहीं आ रहा कि यह आखिर हुआ कैसे।
दूसरी ओर राजनीतिक प्रेक्षक मानते हैं कि अब केवल भावनात्मक मुद्दों से ही चुनाव नहीं जीता जा सकता। मतदाता बदलाव व विकास की निरन्तर प्रक्रिया चाहते हैं। अयोध्या विधानसभा सीट 1991 से लगातार भाजपा के पास थी।
इस सीट पर भाजपा के लल्लू सिंह जीतते रहे हैं। पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़े समाजवादी पार्टी के युवा प्रत्याशी तेज नारायण उर्फ पवन पांडेय ने उन्हें करीब 5700 मतों से पराजित कर दिया।
सिंह पहला चुनाव 1989 में लड़े थे। गौर करने की बात यह है कि 1989 के चुनाव में तेज नरायन पांडेय के सगे मामा जयशंकर पांडेय ने सिंह को यहां हराया था और इस बार सिंह उनके भांजे से राजनीतिक पटकनी खा गए। (भाषा)