लव थॉट्स : प्रेम पर 25 अनमोल विचार, जानें क्या कहते हैं हमारे विद्वान
प्यार नि:शब्द है। प्यार अव्यक्त है। प्रेम का गुणगान संत-महात्मा, विद्वान सभी ने किया है। मीरा ने तो प्रेम में हंसते-हंसते ज़हर भी पी लिया। प्यार सुगंध है और प्यार में ही दुनिया के सारे रंग है।
यहां जानिए प्यार के बारे में अलग-अलग विद्वानों के विचार...
* प्रेम का रास्ता किसी चीज के गुम होने की अनुभूति कराता है। -जीके चेस्टरसन
* प्रेम जीवन में ताजगी लाता है। -हेलन केलर
* प्रेम कभी दावा नहीं करता, वह तो हमेशा देता है। प्रेम हमेशा कष्ट सहता है। न कभी झुंझलाता है, न बदला लेता है। -महात्मा गांधी
* प्रेम एक पिंजरा है, जहां सिर्फ प्रकाश ही प्रकाश दिखाई देता है, परछाई नहीं। -पाउलो कोएलो
* प्रेम एक दान है, भिक्षा नहीं। प्रेम मांग नहीं, भेंट है। प्रेम भिखारी नहीं, सम्राट है। जो मांगता है उसे जो बांटता है उसे प्रेम मिलता है। -ओशो
* दीवानेपन की हद तक प्रेम करना पागलपन होता है और प्रेम को व्यक्त करने के लिए इसे लौकिक माध्यम माना जाता है। -एफ. सेगन
* सच्चा प्रेम जगह और समय देखकर नहीं होता, यह तो आकस्मिक रूप से स्पंदनशील पल में होता है। -साराह डेसेन
* प्रेम मानवता का दूसरा नाम है। -गौतम बुद्ध
* प्रेम करना ही जीवन की खुशी है। -जॉर्ज सेंड
* प्रसन्नता ही केवल सद्गुण है, तर्क ही केवल दी है, न्याय ही केवल पूजनीय है, मानवता ही केवल धर्म है और प्रेम ही केवल पुजारी है। -आरजी इंगरसोल
* प्रेम से मृत्यु अधिक बलवान है, मृत्यु जीवन से अधिक बलवान है। यह जानते हुए भी मनुष्य-मनुष्य के बीच कितनी संकुचित सीमा खिंची है। -खलील जिब्रान
* सभी प्रेम परिवर्तित होते हैं और उनमें बदलाव आता है। आप हर समय प्रेम में रह सकते हैं। -जूली एन्ट्रुज
* अकेले पैदा हुए, अकेले जिए, अकेले ही मर जाएंगे। हम अकेले नहीं, ऐसा भ्रमजाल सिर्फ प्रेम और दोस्ती के माध्यम से रचा जाता है। -ऑरसन वेलैस
* बल और शक्ति की आज्ञा टालना आसान है, मगर प्यार की आज्ञा टालना आसान नहीं। -सुदर्शन
* पुरुष का प्यार उसके जीवन की एक भिन्न वस्तु है, परंतु नारी के लिए प्यार उसका सारा जीवन है। -बायरन
* प्रेम संवेदना से ज्यादा कुछ नहीं है, लेकिन प्रेम प्रतिबद्धता से अधिक है। -सिनक्लेर बी फर्ग्यसुन
* सुनना, बोलना, प्रार्थना, देना, बांटना, विश्वास, माफी, वादा, आनंद, जवाब- ये प्रेम के 10 माध्यम हैं। -विल स्मिथ
* जो प्रेम में वास करता है वो परमात्मा में वास करता है। -बाइबिल
* भावनाओं का प्रेम सागर चारों तरफ व्यय से भरा हुआ है। -थॉमस रॉबर्ट डेवर
* मानव अस्तित्व की समस्या का संतोषजनक और समझदारीभरा जवाब सिर्फ प्रेम है। -एरिक फ्रॉम
* प्रेम हाथ में रखे पारे की तरह होता है, मुट्ठी खोलने पर रहता है और भींचने पर निकल जाता है। -डोरोथी पार्कर
* दो व्यक्तियों की मुलाकात, दो रासायनिक पदार्थों की तरह होती है, कोई भी प्रतिक्रिया दोनों को परिवर्तित करती है। -कार्ल युंग
* कोई भीतरी कारण ही पदार्थों को परस्पर मिलाता है, बाहरी गुणों पर प्रीति आश्रित नहीं होती। -भवभूति उ.
* 'कबीरा यह घर प्रेम का, खाला का घर नाहीं, सीस उतारे हाथ धर, सो पसे घर माहीं...।' - कबीर
* प्रेम बलिदान सिखाता है, हिसाब नहीं सिखाता। प्रेम मस्तिष्क को नहीं, हृदय को छूता है। -अज्ञात