तूने छूआ तो रोम-रोम खिल गया भटक रहा था मैं जीवन भँवर में आज मुझे किनारा मिल गया।
स्पर्श एक ऐसा अहसास है, जिसे शब्दों में बयाँ करना असंभव है। यह मूक है, परंतु बोलने, सुनने और सूंघने की क्रियाओं से कहीं अधिक प्रभावपूर्ण है।
यह हमें किसी के करीब होने का अहसास कराता है। कई बार हम अपने साथी से जो बात कह नहीं पाते है वो हमारे स्पर्श मात्र से ही अभिव्यक्त हो जाती है।
इस दुनिया में संबंध तो बड़े ही आसानी से बन जाते हैं परंतु कभी-कभी उनका अहसास कराना भी जरूरी होता है। हर व्यक्ति अपेक्षा करता है प्यार की। उसकी ख्वाहिश होती है कि उसका साथी बगैर कुछ कहे ही उसकी हर बात समझ जाए। हर उसकी हर तकलीफ में उसका साथ निभाए। ऐसे में स्पर्श सभी तकलीफों का समाधान बन जाता है।
स्पर्श भावनाओं के आदान-प्रदान का एक बेहतर माध्यम है। यह ऊर्जा का संचार है, जो साथी के दिल में आपके प्रति प्यार व विश्वास पैदा करता है और वो इसी विश्वास के सहारे आपको बगैर कुछ शिकायत के अपना तन-मन समर्पित कर देता है।
हर रिश्ते में स्पर्श की आनंदानुभूति संजीवनी के समान होती है। विशेषकर प्यार में तो स्पर्श का बहुत अधिक महत्व होता है। इस रिश्ते में यह अपनेपन का अहसास कराता है। तभी तो प्रेमी-प्रेमिका घंटों एक-दूसरे के हाथ थामकर बैठे रहते हैं।
इसमें उन्हें कोई बोरियत महसूस नहीं होती है। भले ही दुनियावालों को देखने में यह बहुत बुरा लगे परंतु प्रेमियों में यह स्पर्श एक नई ऊर्जा का संचार करता है, जिससे उनका प्यार प्रगाढ़ बनता है।
केवल दोस्ती या प्यार में ही नहीं बल्कि स्पर्श हर रिश्ते को जीवंत बनाता है। स्पर्श भावनाओं के आदान-प्रदान का एक बेहतर माध्यम है। यह ऊर्जा का संचार है, जो साथी के दिल में आपके प्रति प्यार व विश्वास पैदा करता है और वो इसी विश्वास के सहारे आपको बगैर कुछ शिकायत के अपना तन-मन समर्पित कर देता है। स्पर्श दांपत्य संबंधों को भी मधुर बनाता है।
एक अजनबी से जाना-पहचाना होने का अहसास दिलाने वाला स्पर्श ही है। यहीं वो गोंद है, जो रिश्तों को टिकाऊ, मजबूत व प्रगाढ़ बनाता है। इस भाव को जीवित रखकर आप भी अपने रिश्तों को चिरायु बना सकते हैं।