शनिवार, 5 फरवरी को वसंत पंचमी (Basant Panchami) है और वसंत को ऋतुओं का राजा कहा जाता है। वसंत पंचमी (Vasant Panchami 2022) को श्री पंचमी (Shree Panchami) तथा ज्ञान पंचमी (Gyan Panchami) भी कहते हैं। यह ऋतु खूबसूरत मौसम के लिए जानी जाती है। इस मौसम में फूल, पत्ते, आकाश, धरती सब जगहों पर बहार आ जाती है। वृक्षों के पुराने पत्ते झड़ जाते हैं तथा नए पत्ते, पुष्प और बहार आने लगती हैं।
भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna) ने गीता में वसंत (Vasant) को अपनी विभूति माना है और कहा है 'ऋतुनां कुसुमाकरः' ऋग्वेद में वसंत ऋतु के बारे में उल्लेख मिलता है कि- 'प्रणो देवी सरस्वती वाजेभिर्वजिनीवती धीनामणित्रयवतु।' अर्थात्- सरस्वती परम चेतना हैं। वे हमारी बुद्धि, समृद्धि तथा मनोभावों की सुरक्षा करती हैं...।
इस दौरान हर व्यक्ति का मन प्रकृति के इस अनोखे दृश्य को देख मोह जाता है। इस सुहावने मौसम को ही वसंत पंचमी उत्सव मनाया जाता है। इस दिन एक दिव्य देवी मां सरस्वती के रूप में प्रकट हुईं थी, जिन्हें हम सभी जानते हैं। आइए यहां जानते हैं देवी मां सरस्वती के अवतरण (saraswati ki Katha) की कथा-
तब एक चतुर्भुज सुंदरी हुई, जिसने जीवों को वाणी प्रदान की। यह देवी विद्या, बुद्धि और संगीत की देवी थीं, उनके आने से सारा वातावरण संगीतमय और सरस हो उठा इसलिए उन्हें सरस्वती देवी (saraswati Devi) कहा गया।
इस दिन छोटे बच्चों की जुबान पर केसर रखकर मंत्र- ॐ ऐं महासरस्वत्यै नमः (Saraswati Mantra) का उच्चारण कराया जाता है...। यह एक बहुत ही चमत्कारी मंत्र है, जिससे वाणी, बुद्धि और विवेक का शुभ आशीष प्राप्त होता है।