10 फरवरी को वसंत पंचमी, जानिए महत्व, मंत्र-पूजा विधि एवं सरस्वती पूजन के शुभ मुहूर्त

* मीडिया, एंकर, अधिवक्ता, अध्यापक व संगीत आदि के क्षेत्र से जुड़े लोगों को वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा जरूर करनी चाहिए
 
10 फरवरी 2019, रविवार को वसंत पंचमी है। यह प्रत्येक वर्ष माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है।

ऐसी पौराणिक मान्यता है कि इस दिन से सर्दी के महीने का अंत हो जाता है और ऋतुराज वसंत का आगमन होता है। वसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती की पूजा का विशेष दिन माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि मां सरस्वती ही बुद्धि और विद्या की देवी हैं। वसंत पंचमी को हिन्दू मान्यताओं के अनुसार एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है।

 
वसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त
 
सरस्वती पूजा मुहूर्त : सुबह 7.15 से 12.52।
पंचमी तिथि का आरंभ : 9 फरवरी 2019 को 12.25 बजे से प्रारंभ होगा।
पंचमी तिथि समाप्त : 10 फरवरी 2019, रविवार को 14.08 बजे होगी।
 
वैसे तो वसंत पंचमी के दिन किसी भी समय मां सरस्वती की पूजा की जा सकती है लेकिन पूर्वान्ह का समय पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है। सभी शिक्षा केंद्रों, विद्यालयो में पूर्वान्ह के समय ही सरस्वती पूजा कर माता सरस्वती का आशीर्वाद ग्रहण किया जाता है।
 
वसंत पंचमी का सामाजिक महत्व-
 
भारतीय पंचांग में 6 ऋतुएं होती हैं। इनमें से वसंत को 'ऋतुओं का राजा' कहा जाता है। वसंत फूलों के खिलने और नई फसल के आने का त्योहार है। ऋतुराज वसंत का बहुत महत्व है। ठंड के बाद प्रकृति की छटा देखते ही बनती है। इस मौसम में खेतों में सरसों की फसल पीले फूलों के साथ, आमों के पेड़ों पर आए फूल, चारों तरफ हरियाली और गुलाबी ठंड मौसम को और भी खुशनुमा बना देती है।

 
यदि सेहत की दृष्टि से देखा जाए तो यह मौसम बहुत अच्छा होता है। इंसानों के साथ पशु-पक्षियों में नई चेतना का संचार होता है। यदि हिन्दू मान्यताओं के मुताबिक देखा जाए तो इस दिन देवी सरस्वती का जन्म हुआ था। यही कारण है कि यह त्योहार हिन्दुओं के लिए बहुत खास है। इस त्योहार पर पवित्र नदियों में लोग स्नान आदि करते हैं। इसके साथ ही वसंत मेले आदि का भी आयोजन किया जाता है।
 
वसंत पंचमी का पौराणिक महत्व-

 
सृष्टि की रचना करते समय ब्रह्माजी ने मनुष्य और जीव-जंतु योनि की रचना की। इसी बीच उन्हें महसूस हुआ कि कुछ कमी रह गई है जिसके कारण सभी जगह सन्नाटा छाया रहता है। इस पर ब्रह्माजी ने अपने कमंडल से जल छिड़का जिससे 4 हाथों वाली एक सुंदर स्त्री, जिसके एक हाथ में वीणा, दूसरे हाथ में वरमुद्रा तथा अन्य दोनों हाथों में पुस्तक और माला थी, प्रकट हुई।
 
ब्रह्माजी ने वीणावादन का अनुरोध किया जिस पर देवी ने वीणा का मधुर नाद किया जिस पर संसार के समस्त जीव-जंतुओं में वाणी व जलधारा कोलाहल करने लगी, हवा सरसराहट करने लगी। तब ब्रह्माजी ने उस देवी को वाणी की देवी 'सरस्वती' का नाम दिया। मां सरस्वती को बागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणावादिनी और वाग्देवी आदि कई नामों से भी जाना जाता है। ब्रह्माजी ने माता सरस्वती की उत्पत्ति वसंत पंचमी के दिन की थी। यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष वसंत पंचमी के दिन ही देवी सरस्वती का जन्मदिन मानकर पूजा-अर्चना की जाती है।
 
सरस्वती व्रत की विधि-

 
वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करनी चाहिए। प्रात:काल सभी दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के उपरांत मां भगवती सरस्वती की आराधना का प्रण लेना चाहिए। इसके बाद दिन के समय यानी पूर्वाह्नकाल में स्नान आदि के बाद भगवान गणेशजी का ध्यान करना चाहिए। स्कंदपुराण के अनुसार सफेद पुष्प, चंदन, श्वेत वस्त्रादि से देवी सरस्वतीजी की पूजा करना चाहिए। सरस्वतीजी का पूजन करते समय सबसे पहले उनको स्नान कराना चाहिए। इसके पश्चात माता को सिन्दूर व अन्य श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं। इसके बाद फूल माला चढ़ाएं।

 
देवी सरस्वती का मंत्र-
 
सफेद मिठाई से भोग लगाकर सरस्वती कवच का पाठ करें। मां सरस्वतीजी के पूजा के वक्त इस मंत्र का जाप करने से असीम पुण्य मिलता है-
 
'श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा'
 
मां सरस्‍वती का श्‍लोक : मां सरस्वती की आराधना करते वक्‍त इस श्‍लोक का उच्‍चारण करना चाहिए-
 
ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।
कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।।
 
वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।
रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।
 
सुपूजितां सुरगणैब्रह्मविष्णुशिवादिभि:।
वन्दे भक्तया वन्दिता च।।
 
विशेष उपाय-
 
आपका बच्चा यदि पढ़ने में कमजोर है तो वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा करें एवं उस पूजा में प्रयोग की गई हल्दी को एक कपड़े में बांधकर बच्चे की भुजा में बांध दें। मां सरस्वती को 'वाणी की देवी' कहा जाता है इसलिए मीडिया, एंकर, अधिवक्ता, अध्यापक व संगीत आदि के क्षेत्र से जुड़े लोगों को वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा जरूर करनी चाहिए। माता सरस्वती की पूजा-अर्चना आदि करने से मन शांत होता है व वाणी में बहुत ही अच्छा निखार आता है।
 
 
यदि आप चाहते हैं कि आपके बच्चे परीक्षा में अच्छे नंबर लाएं तो आप अपने बच्चे के कमरे में मां सरस्वती की तस्वीर अवश्य लगाएं। जो लोग बहुत ही तीखा बोलते हैं और जिस कारण से उनके बने-बनाए काम भी बिगड़ जाते हैं, उन लोगों को मां सरस्वती की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
 
आचार्य राजेश कुमार (दिव्यांश ज्योतिष केंद्र)

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