हिन्दू तथा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दिशाएं 8 होती है। इनके अलावा 2 दिशाएं आकाश और पाताल को मानी गई है। ये दिशाएं मनुष्य का जीवन और भविष्य तय करती है।
अगर आपने इस दिशाओं के शुभ-अशुभ परिणामों को ध्यान में रखकर अपने भवन या ऑफिस का निर्माण किया है तो निश्चित ही आपको इन दिशाओं के शुभ फल प्राप्त होंगे। अन्यथा गलत दिशा में भवन या ऑफिस का निर्माण करने पर बड़ा खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है।
हमारे पौराणिक शास्त्रों के अनुसार इस प्रत्येक दिशा का एक देवता नियुक्त किया गया है जिसे 'दिग्पाल' कहा गया है अर्थात् दिशाओं के पालनहार, दिशाओं की रक्षा करने वाले। इसीलिए जब आप अपना घर या ऑफिस इत्यादि बनवाएं तो इन 10 दिशाओं को अवश्य ध्यान में रखें।