यदि आपका घर तिराहे, चौराहे या इन 5 जगह हो तो जल्दी से छोड़ दें

अनिरुद्ध जोशी

मंगलवार, 26 नवंबर 2019 (10:39 IST)
हिन्दू पुराणों और वास्तु शास्त्र के अनुसार आप जहां रहते हैं उस स्थान से ही आपका भविष्य तय होता है। यदि आप गलत जगह रह रहे हैं तो अच्छे भविष्य की आशा मत कीजिये। अत: हर व्यक्ति को यह जानना जरूरी है कि उसे कहां रहना चाहिए और कहां नहीं रहना चाहिए।
 
 
1.तिराहे या चौराहे पर न हो घर-
तिराहे या चौराहे पर वास्तु दोष निर्मित होता है। चौराहे के घर के संबंध में तंत्र शास्त्र कहता है कि यह तमोगुण का स्थान माना गया है। इस जगह नकारात्मक ऊर्जा अधिक होती है। यहां लोगों तथा वाहनों का आवागमन लगा रहेगा जिसके चलते आपकी मानसिक शांति भंग ही रहेगी। आपमें उत्तेजना बनी रहेगी। अतः चौराहे के पास घर नहीं बनाना चाहिए। इसी तरह तिराहे पर भी भयानक वास्तुदोष निर्मित होता है। यहां रहने वाले सभी सदस्य मानसिक रूप से परेशान ही रहते हैं।

 
2.सुनसान जगह पर नहीं हो घर- 
दो तरह के सुनसान होते हैं एक मरघट की शांति वाले और दूसरे एकांत की शांति वाले। भविष्य पुराण अनुसार आपका घर नगर या शहर के बाहर नहीं होना चाहिए। गांव या शहर में रहना ही तुलनात्मक रूप से अधिक सुरक्षित होता है। यदि घर बहुत सुनसान स्थान पर या शरह-गांव के बाहर होगा तो जब भी आप घर से बाहर कहीं जाएंगे उस दौरान आपके मन और मस्तिष्‍क में घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी। दूसरी बात यदि शहर से दूर घर है तो रात-बिरात आने जाने में भी आपको परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, भले ही आपके पास कार या बाइक हो।

 
3.अवैध गतिविधियों वाली जगह-
यदि आपके घर के आसपास मदिरालय, जुआघर, मांस-मच्छी की दुकान या इसी तरह की किसी भी प्रकार की अनैतिक-अवै‍ध गतिविधियां संचालित होती है तो वहां कतई न रहें। भले ही आप मांसाहारी हों फिर भी आप वहां नहीं रहें। ऐसी जगह आपके जीवन में कभी शांति नहीं रहने देगी। इससे आपके और आपके बच्चों के भविष्य पर नकारात्मक असर होगा। इन जगहों पर अपराधी, तामसिक और नकारात्मक किस्म के लोगों का आवागमन अधिक होता रहता है। इससे घर पर संकट के बादल कभी भी मंडरा सकते हैं। बेहतर भविष्य के लिए या तो ऐसी अवैध गतिविधियां बंद करवाएं या वह जगह छोड़ दें।

 
4.शोर मचाने वाली दुकान या फैक्ट्री-
यदि आपके घर के आसपास ऑटो गैराज, यंत्र निर्माण का कार्य, फर्नीचरादि बनाने का कार्य, पत्थर तराशने का कार्य आदि होता है या इसी तरह के शोर उत्पन्न करने वाले किसी भी प्रकार की दुकान हो, तो यह भी आपके लिए परेशानी की जगह है। इससे घर के सदस्यों को परेशानी बनी रहेगी। वर्तमान युग में हर कोई अपने घर में ही संगीतशाला, नृत्यशाला और किसी भी तरह की दुकान खोलने लगा है जोकि दूसरे रहवासियों के लिए परेशानी का कारण बन जाता है। मेन रोड़ के अधिकतर घर अब दुकानों में बदल गए हैं। शहर में रहवासी क्षेत्र तो अब कम ही बचे हैं। लोग आपत्ति नहीं लेते इसलिए यह सब चलता रहता है और अंतत: दूसरों के कारण आपका जीवन दुखदाई हो जाता है।
 
 
5.घर हमेशा लें स्वजाति और स्वधर्मी के पास-
घर, फ्लैट या मकान ऐसी जगह लें जहां आपके धर्म या स्वजाति के लोग रहते हों। क्योंकि वैचारिक भिन्नता के चलते कई बार आप अच्छा महसूस नहीं करते हैं। अधिकतर मौके पर ऐसा होता है कि भिन्न संस्कृति और धर्म के लोगों के साथ रहने के लिए किसी एक को हर मामले में समझौता करना होता है। यदि आप शाकाहारी हैं तो निश्‍चित ही किसी मांसाहार के पड़ौस में रहना पसंद नहीं करेंगे।

 
ऐसी भी कई बातें हैं जिन पर गौर करने से पता चलेगा कि क्यों स्वजातीय और स्वधर्मी लोगों के साथ रहने से व्यक्ति खुद को कंफर्ड महसूस करता है। हालांकि आधुनिक युग में इन सब तरह की बातों को आप अस्वीकार कर सकते हैं। इसके अलावा अपने रहने के स्थान पर पड़ोसियों को भी जानें क्या वह आपके मिजाज के हैं या कि नहीं? अक्सर यह देखा गया है कि समान वैचारिक समूह के साथ ही रहने से व्यक्ति खुद को सुरक्षित और प्रसन्नचित्त महसूस करता है।
 
 
यदि आप किसी टॉउनशिप या किसी नए मुहल्ले में रहने जा रहे हैं तो उस टॉउनशिप या मुहल्ले को अच्छे से समझे। पहले तो उसका वास्तु जानें। दूसरे वहां के लोगों के टाइप को जानें। तीसरा वहां उपलब्ध सुविधा के बारे में जानें। जैसे स्कूल, अस्पताल, मेडिकल, किराना दुकान, थाना, वाटर सप्लाई, बिजली सुविधा, साफ-सफाई, सार्वजनिक वाहन सुविधा आदि कितनी दूरी पर उपलब्ध हैं? यदि यह सभी बातें आपके अनुकूल नहीं है तो यहां नहीं रहने में ही भलाई है। मकान शहर या मुहल्ले के पूर्व, पश्‍चिम या उत्तर दिशा में होना चाहिए।

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