जीवन को खुशियों से भर देंगे ये 20 सरल उपाय...

1. बच्चों के कमरों में सुंदर प्राकृतिक दृश्य यथा समृद्ध हरे-भरे पहाड़, जल विहार तथा महापुरुषों के चित्र लगाएं। नाइट लैंप के रूप में हरे या नीले बल्ब का प्रयोग सुखद रहेगा। 


2. उत्तम भाग्य तथा पारिवारिक समृद्धि के लिए सुंदर रंगीन पर्दे, दीवार व छतों पर हल्के और मन लुभावने रंगों का प्रयोग करें।

3. भवन निर्माण में दरवाजे और खिड़कियां सम संख्या में हों तथा सीढ़ियां विषम संख्या में हों।
 

 
4. टॉयलेट ‍और किचन एक पंक्ति (कतार) में या आमने-सामने होना दोषकारक है। 

5. घर में गणेशजी की एक से अधिक मूर्ति हो तो कोई फर्क नहीं, परंतु पूजा एक ही गणेशजी की हो।
 

6. घर में गणपति की मूर्ति, रंगोली, स्वस्तिक या ॐ का चिह्न बुरी आत्माओं के प्रभाव को नियंत्रित करता है। 

7. घर के बाहर या अंदर आशीर्वाद मुद्रा में देवी-देवता की मूर्ति अथवा चित्र लगाएं। ध्यान रहे, उनका मुंह भवन के बाहर की तरफ हो।
 

8. घर के ड्राइंगरूम में मोर, बंदर, शेर, गाय, मृग आदि के चि‍त्र या मूर्ति रूप में किसी एक का जोड़ा रखें जिसका मुंह एक-दूसरे की तरफ हो तथा मुंह घर के अंदर हो, शुभ रहेगा। 

9. दक्षिण दिशा में घोड़ा (अश्व) रखना सर्वोत्तम है। 

 
10. असली स्फटिक बाल, श्रीयंत्र, पिरामिड या कटिंग बाल को आप कहीं भी रख सकते हैं। (श्रीयं‍त्र को केवल घर के मंदिर में रखें।) 

11. धन-समृद्धि के लिए धन की पेटी (कैश बॉक्स) में ‍तीन सिक्के रखें, जो भाग्य की अभिवृद्धि में सहायक होंगे।
 

12. घोड़े की नाल पश्चिमी देशों तथा हमारे देश में भी बहुत भाग्यशाली और शुभ मानी जाती है। अपनी सुरक्षा और सौभाग्य के लिए इसे अपने घर के मुख्य द्वार के ऊपर चौखट के बीच में लगा सकते हैं।

13. बीम के नीचे बिंदु चिप्स लगाकर बीम के दोष को दूर कर सकते हैं।


 14. संपत्ति तथा सफलता के लिए अपने बैठक कक्ष में पिरामिड को उत्तर-पूर्व में रखें।

15. प्रसिद्धि के लिए घर के दक्षिण क्षेत्र में लाल रंग का उपयोग करें एवं उसे लाल रंग की वस्तुओं से सजाएं। इससे परिवार में रहने वाले लोगों को खून से संबंधित बीमारियों से निजात मिल सकती है, किंतु चि‍कि‍त्सीय भावना की उपेक्षा कष्टदायी हो सकती है।
 

16. मुख्य द्वार पर कोई अवरोध (खंबा, कोना, पेड़) आदि हो तो उसके दोष निवारण हेतु बागुआ मिरर लगाएं।

17. विवादों से संबंधित कागजात कभी भी आग्नेय दिशा में न रखें। ऐसे कागजात ईशान या वायव्य दिशा में रखें।
 

18. पश्चिम-दक्षिण, उत्तर-पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम दिशाओं को अन्य दिशाओं के मुकाबले ज्यादा से ज्यादा ढंका व भरा हुआ होना चाहिए तथा थोड़ा ऊंचा भी होना चाहिए।

19. घर में कांटेदार पौधे, युद्ध के दृश्य, सूखे पेड़, जमीन, आंसू बहाते प्राणी, खूंखार जानवर आदि के चित्र न लगाएं। 


 
20. जिन लोगों का चूल्हा ईशान में हो और परिस्थितिजन्य हटाया नहीं जा सके, तो ऐसी विषम परिस्थिति में किचन में लाल बल्ब न जलाएं। 

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