1. अध्ययन की दिशा : पूर्व, ईशा, उत्तर, वायव्य, पश्चिम और नैऋत्य में अध्ययन कक्ष बनाया जा सकता है। इसमें खासकर पूर्व, उत्तर और वायव्य उत्तम है। कक्ष नहीं है या नहीं बना सकते हो तो इसी दिशा में पढ़ाई की टैबल रखें।
2. पढ़ाई के स्थान पर चित्र : पढ़ने के कक्ष में मां सरस्वती, वेदव्यास या किसी पढ़ते हुए बच्चे का चित्र लगाएं। इसके अलावा किसी हरे तोते का चित्र लगाएं जिससे बच्चे का पढ़ने में तुरंत ही मन लगने लगेगा। उत्तर की दीवार पर तोते, चहकते हुए पक्षी, मोर, वीणा, कलम, पुस्तक, हंस, मछली, जंपिंग फिश या डॉल्फिन का चित्र लगा सकते हैं।