1. हाथी की मूर्ति- Elephant statue : समुद्र मंथन के दौरान ऐरावत नाम का सफेद हाथी निकला था जिसे इंद्र ने अपने पास रख लिया था। घर में चांदी का हाथी रखने से जहां राहु एवं केतु के प्रकोप शांत होता है वहीं घर में सुख, शांति एवं समृद्धि आती है। चांदी का नहीं तो तांबे या पीतल का रख सकते हैं। विष्णु तथा लक्ष्मी को हाथी प्रिय रहा है। शक्ति, समृद्धि और सत्ता के प्रतीक हाथी को भगवान गणेश का रूप माना जाता है। घर में ठोस चांदी का हाथी रखने से राहू शांत रहता है और घरन में सुख शांति के साथ धन समृद्धि बनी रहती है। हाथी कम से कम 4 से 5 इंच का होना चाहिए।
2. मंगल कलश- Mangal Kalash : समुद्र मंथन के दौरान अंत में भगवान धन्वंतरि देव अमृत से भरा कलश लेकर निकले थे। देवता और असुरों के कारण कलश के अमृत की बूंदे जहां गिरी थी वहां कुंभ का आयोजन होता है। हिन्दू धर्म में तांबे या पीतल के कलश की घर के ईशान कोण में स्थापना करने से स्थाई रूप से धनलक्ष्मी का वास होता है और मंगल ही मंगल होता है। कलश को सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसे ईशान कोण में अष्टदल कमल बनाकर स्थापित किया जाता है। इसमें जलभरकर उसमें तांबे का सिक्का डालकर फिर आम के पत्ते डालकर उसके मुख पर नारियल रखा जाता है। कलश पर रोली, स्वस्तिक का चिह्न बनाकर, उसके गले पर मौली (नाड़ा) बांधी जाती है।
3. बांसुरी और शंख- flute and conch : बांसुरी से जहां वास्तुदोष दूर होता है। वहीं, दरिद्रता दूर होकर धन-समृद्धि बढ़ती है। बांसुरी को घर की पूर्व, ईशान या उत्तर दिशा में रखना चाहिए। जिस घर में शंख होता है वहां लक्ष्मी का वास होता है। इसे घर में रखने से धन की कमी नहीं होती है।