3. विंड चाइम : इससे घर के अंदर हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है। घर में खुशियों का माहौल बना रहता है और रिश्तों में सुधार होता है। इससे घर में सुख, शांति और संपन्नता आती है। इससे वास्तु दोष मिटता है और भाग्योदय होता है। इससे घर की सुंदरता बढ़ती है।
4. घर की दीवार और पर्दों का रंग : घर में काले, कत्थई, मटमेले, जामुनी और बैंगनी रंग का इस्तेमाल न करें। चाहे फर्श, चादर, पर्दे या हो दीवारों का रंग। रंगों में सफेद, हल्का गुलाबी, आसमानी और पीले रंग का उपयोग करें।
7. सुगंध का करें प्रयोग : तंत्रसार के अनुसार अगर, तगर, कुष्ठ, शैलज, शर्करा, नागरमाथा, चंदन, इलाइची, तज, नखनखी, मुशीर, जटामांसी, कर्पूर, ताली, सदलन और गुग्गुल ये सोलह प्रकार के धूप माने गए हैं। इसे षोडशांग धूप कहते हैं। इनकी धूनी देने से आकस्मिक रोग, शोक, कलेश और दुर्घटना नहीं होती है। घर में प्रतिदिन रात में कपूर जलाकर सोएं।
8. नकारात्मक वस्तुएं : घर में अटाला, प्लास्टिक, हानिकारक वस्तुएं, फटे-पुराने कपड़े, अत्यधिक लोहा, जर्मन, एल्युमिनियम आदि वस्तुएं नकारात्मक ऊर्जा का निर्माण करती है। इन्हें अपने घर से बाहर निकाल दें।