Vastu Tips For Window: घर की खिड़कियां यदि सही दिशा में नहीं है और वास्तु के अनुसार नहीं बनी है तो यह मानकर चलें कि जिस खिड़की से खुशियां या अच्छी हवा आती है उसी से दुख के साथ बुरी हवाएं भी प्रवेश कर जाएंगी। इसी तरह उजाले को भी माना जा सकता है। यानी जीवन में अचानक आने वाले धोखे, घटना-दुर्घटना और रोग-शोक को भी जन्म देने की संभावना बढ़ा सकती है।ALSO READ: वास्तु के अनुसार नहीं हैं खिड़कियां तो 5 तरह के नुकसान जान लें
किस दिशा में होना या नहीं होना चाहिए खिड़कियां:-
1. दक्षिण और पश्चिम के बीच की दिशा को नैऋत्य कोण कहते हैं। इस दिशा में खिड़की होने से इससे घर के मुखिया को चुनौतियों का सामना करना होता है। इसके लिए बाहर से हनुमानजी की मूर्ति या तस्वीर लगाएं। खिड़की पर मोटे कपड़े का पर्दा लगाएं। घर के नैऋत्य कोण में दरवाजा या खिड़की है तो हल्का गुलाबी या नींबू जैसे पीले रंग के पर्दे लगा सकते हैं।
2. इस दिशा में खिड़की होने से घर के सभी सदस्यों की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। मानसिक तनाव के साथ ही गृहकलह बढ़ सकती है। दक्षिण दिशा में खिड़की होने से रोग और शोक की संभावना बढ़ जाती है, क्योंकि यह यम की दिशा होती है। इसके लिए बाहर से हनुमानजी की मूर्ति या तस्वीर लगाएं। घर की दक्षिण दिशा की खिड़की शुभ नहीं होती, यदि है तो उस पर मोटा पर्दा लगा दें। घर की दक्षिण में दरवाजा या खिड़की है तो गाढ़े रंग में मोटे कपड़े के पर्दे तब लगाना चाहिए। यहां लाल, गहरे हरे रंग का उपयोग कर सकते हैं।
3. पूर्व और दक्षिण की दिशा के बीच के स्थान को आग्नेय कोण कहते हैं। यह दिशा भी शुभ नहीं मानी जाती है। घर के आग्नेय कोण में दरवाजा या खिड़की है तो पीले या नारंगी रंग के पर्दे लगा सकते हैं। कुछ परिस्थिति में लाल रंग, मेहरून, कैमल ब्राउन व सिंदूरी रंग का परदा भी लगा सकते हैं।
Window Vastu
4. पश्चिमी, पूर्वी और उत्तरी दीवारों पर खिड़कियों का निर्माण शुभ माना गया है।
5. उत्तर दिशा में खिड़की होने से घर में धन और समृद्धि के द्वारा खुल जाते हैं।
6. उत्तर का दरवाजा हमेशा लाभकारी होता है। इस दिशा में घर के सबसे ज्यादा खिड़की, बालकनी और दरवाजे होना चाहिए। उत्तर दिशा का द्वार समृद्धि, प्रसिद्ध और प्रसन्नता लेकर आता है।
7. खिड़की को भी अच्छे से सजाकर और पर्दे से ढंकी हुई रखें। खिड़की के आसपास बेलबुटे वाले चित्र होना चाहिए या रांगोली या मंडने वाली चित्रकारी होना चाहिए।
टूटी खिड़कियां:-
यदि खिड़कियां टूटीफूटी और भद्दी है तो यह भी वास्तु दोष है। इससे घर में कई तरह की कठिनाइयां खड़ी हो सकती है। खिड़कियां टूटी हुई, गंदी या आड़ी-तिरझी बनी हुई नहीं होना चाहिए।
खिड़कियों के पल्ले:-
खिड़कियां दो पल्ले वाली होना चाहिए और इन्हें खोलने एवं बंद करने में आवाज नहीं होना चाहिए। पल्ले अंदर की ओर खुलना चाहिए बाहर की ओर नहीं। एक पल्ले वाली खिड़की को शुभ नहीं माना जाता है। आवाज करने वाली खिड़की से घर की सुख और शांति भंग हो जाती है। इसके कारण परिवार के सदस्यों का ध्यान भंग होता है।
द्वारा के सामने और संधि भाग:-
यह भी ध्यान रखें कि मकान में खिड़कियां द्वार के सामने अधिकाधिक होनी चाहिए, ताकि चुम्बकीय चक्र पूर्ण होता रहे। खिड़कियां कभी भी सन्धि भाग में न लगवाएं।
खिड़कियों की संख्या:-
वास्तु के अनुसार मकान में खिड़कियों की संख्या बराबर होनी चाहिए। अर्थात सम संख्या में होना चाहिए। घर की सभी खिड़की व दरवाजे एक समान ऊंचाई पर होने चाहिए। मकान में खिड़कियां द्वार के सामने अधिकाधिक होनी चाहिए, ताकि चुम्बकीय चक्र पूर्ण होता रहे। इस बात की जांच करें कि आपके घर में दरवाजे और खिड़कियां विषम संख्या में तो नहीं हैं। अगर ऐसा है तो किसी एक दरवाजे या खिड़की को बंद कर दें और उनकी संख्या को सम कर दें।